गुडग़ांव, बहुचर्चित जम्मू कश्मीर के कठुआ दुष्कर्म-हत्या
मामले में सोमवार को पठानकोट की जिला अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है।
अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए 6 दोषियों में से 3 को उम्रकैद व 3 को 5-5
साल की कैद तथा आर्थिक दंड की सजा भी सुनाई है। अदालत ने एक आरोपी को
साक्ष्यों व गवाहों के अभाव में बरी कर दिया है। बहुचर्चित व देश को
झकझोर कर रख देने वाले इस मामले के फैसले पर जम्मू कश्मीर के लोगों की ही
नहीं, अपितु देश के अन्य प्रदेशों के लोगों की निगाहें भी टिकी हुई थी कि
इस मामले में अदालत आरोपियों को क्या सजा सुनाती है।
फरिश्ते गु्रप ने अदालत के आदेश पर दी प्रतिक्रिया
दुष्कर्म की पीडि़त बच्चियों के मामलों की निशुल्क पैरवी करने वाली
सामाजिक संस्था फरिश्ते गु्रप की सचिव अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी,
कुलभूषण भारद्वाज, चेयरमैन पंकज वर्मा व पंकज गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया
व्यक्त करते हुए कहा कि अदालत ने जो अपना फैसला दिया है, वह साक्ष्यों व
गवाहों के आधार पर दिया है। अदालत के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।
हालांकि पीडि़त के परिजन इस जघन्य अपराध के लिए दोषियों को मृत्युदंड
मिलने की सोच रहे थे। उनका कहना है कि अदालतों में इस प्रकार के मामलों
की नियमित रुप से सुनवाई होनी चाहिए, ताकि पीडि़त पक्ष को सही समय पर
न्याय मिल सके। गौरतलब है कि गत वर्ष 10 जनवरी को जम्मू कश्मीर में कठुआ
जिले के रसाना गांव में बकरवाल जनजाति की 8 वर्षीय मासूम बच्ची मवेशी
चराते समय लापता हो गई थी। परिजनों ने क्षेत्र के हीरा नगर पुलिस थाना
में मामला दर्ज कराया था। पुलिस द्वारा बच्ची का शव बरामद किया गया था।
पोस्टमॉर्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार कर हत्या करने की पुष्टि हुई
थी। इस मामले की जांच जम्मू कश्मीर अपराध शाखा को सौंपी गई थी। पुलिस ने
7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और उनके खिलाफ अदालत में आरोप
पत्र दाखिल कर दिए थे। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई पठानकोट
न्यायालय में करने के आदेश दिए थे और यह भी कहा था कि मामले का निपटारा
शीघ्र किया जाए और सभी सुनवाई मीडिया से दूर बंद कमरे में की जाए। अदालत
ने इस मामले के मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान सांझीराम, स्पेशल पुलिस ऑफिसर
दीपक खजूरिया, रसाना गांव के प्रवेश, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तिलकराज,
आनंद दत्ता व पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार को दोषी करार दिया था, जबकि
सांझीराम के पुत्र विशाल को बरी कर दिया है। अदालत ने सांझीराम, प्रवेश व
दीपक को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी किया
है, जबकि तिलकराज, आनंद दत्ता व सुरेंद्र कुमार को 5-5 साल की कैद व
50-50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
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