गुडग़ांव, जिले के एक निजी स्कूल में 4 वर्ष पूर्व
कक्षा दूसरी के छात्र की स्कूल परिसर में ही गला रेतकर हत्या कर दी गई
थी। उसका शव स्कूल के शौचालय में रक्तरंजित अवस्था में मिला था। यह घटना
वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को घटित हुई थी। परिजन आज भी मृतक बेटे को न्याय
दिलाने के लिए भरसक प्रयासों में जुटे हैं। अदालत ने मृतक छात्र को
प्रिंस नाम दिया था। इस मामले में स्कूल की कक्षा 11वीं का छात्र आरोपी
है। अदालत ने उसे भोलू नाम दिया हुआ है। इस मामले का ट्रायल अभी चल रहा
है। अभी तक अदालत यह भी निश्चित नहीं कर पाई है कि आरोपित को बालिग मानकर
ट्रायल चलाया जाए या फिर नाबालिग मानकर। इस मामले में सही पूछो तो अभी तक
ट्रायल भी शुरु नहीं हो सका है। मृतक प्रिंस के पिता वरुण ठाकुर का कहना
है कि वे अपने पुत्र को न्याय दिलाने में जुटे हैं। उनका मानना है कि
चाहे कितना भी समय लगे वे अपने बेटे को न्याय दिलाकर रहेंगे। गौरतलब है
कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को प्रात: वरुण ठाकुर अपने बेटे प्रिंस व उसकी
बहन को स्कूल छोडऩे आए थे। बताया जाता है कि वे घर पहुंचे भी नहीं थे कि
स्कूल से फोन आ गया कि प्रिंस को चोट लग गई है। जब वे अस्पताल पहुंचे तो
पता चला कि प्रिंस की गला रेतकर हत्या कर दी गई है। इस मामले को लेकर
काफी बवाल भी मचा था। गुडग़ांव पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल के बस कंडक्टर
अशोक को आरोपी के रुप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब इस मामले की
जांच सीबीआई ने शुरु की तो उसने पुलिस की थ्योरी को ही बदल डाला। पुलिस
द्वारा बनाए गए आरोपी अशोक को क्लीनचिट देते हुए उसी स्कूल के कक्षा
11वीं के छात्र को गिरफ्तार कर बालसुधार गृह भेज दिया था। तभी से वह वहां
पर है। अशोक के परिजनों का कहना है कि अशोक ने इस मामले में जो यातनाएं
झेली हैं, उससे वह आज तक भी उबर नहीं पाया है। उसका परिवार एक तरह से
बिखर गया है। वह किसी काम के लायक नहीं रहा। परिवार जैसे-तैसे अपना
गुजारा कर रहा है। हालांकि आरोपित भोलू के परिजन उसकी जमानत कराने के लिए
सैशन कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जा चुके हैं लेकिन मामले की गंभीरता को
देखते हुए उसे आज तक जमानत नहीं मिली है।
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