गुरुग्राम। मां दुर्गा की 7वीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है। आज सोमवार को 7वें नवरात्रे पर उपासक मां कालरात्रि की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करेंगे। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि मां के शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है, सिर के बाल बिखरे हुए हैं, गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला भी है, मां के 3 नेत्र हैं, ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के सदृश गोल हैं, इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें नि:सृत होती रहती हैं, मां का वाहन गर्दभ है। इनका ऊपर उठा हुआ दाहिने हाथ की वरमुद्रा सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी ओर का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। बायीं ओर के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और नीचे वाले हाथ में खडग है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन मां सदैव ही शुभ फल देने वाली ही हैं। इसलिए भक्तों को मां से भयभीत नहीं होना चाहिए। मां की उपासना करने वाले साधकों को लाभ मिलता है, मां उनके समस्त पापों और विघ्रों का नाश कर देती है। मां की कृपा से उपासक सर्वथा भयमुक्त हो जाता है। उपासक को एकाग्र मन से मां की उपासना करनी चाहिए।
मां दुर्गा के 7वें नवरात्रे पर आज उपासक करेंगे मां कालरात्रि की आराधना
