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मध्यम वर्ग की ओर भी सरकार दे ध्यान

गुडग़ांव, कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन की
घोषणा की हुई है। स्कूली बच्चे घरों में ही रहकर अपना होमवर्क आदि करने
में जुटे हैं। लॉकडाउन जोकि आम आदमी की सुरक्षा के लिए लगाया हुआ है,
लेकिन मध्यम वर्ग को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ग
के वेतनभोगी भी परेशान दिखाई दे रहे हैं कि आने वाले समय में वे कैसे
अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे। क्योंकि कई प्रतिष्ठानों ने
नौकरीपेशा वाले लोगों को आगाह कर दिया है कि उन्हें अप्रैल माह का वेतन
तकरीबन आधा ही दिया जाएगा। हालांकि सरकार ने घोषणा की हुई है कि सभी
प्रतिष्ठान लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन दें, लेकिन
सरकार के आदेशों का कौन कितना पालन करेगा यह तो समय ही बताएगा। मध्यम
वर्ग के हिमांशु शर्मा, नवीन जून, सुनील, अमरनाथ मिश्रा व कमल गर्ग आदि
का कहना है कि बच्चों की शिक्षा को लेकर वे बहुत चिंतित हैं। कई स्कूलों
ने तो फीस भरने की मांग करनी शुरु कर दी है। बच्चों की फीस अब उन्हें एक
बोझ लगने लगी है। इन सब अभिभावकों ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि
मध्यम वर्ग के लिए भी सरकार कुछ सोचे। स्कूलों को फीस न बढ़ाने दें,
अपितु कुछ राहत अवश्य घोषित करे। लॉकडाउन के समय की फीस न ली जाए, ताकि
मध्यम वर्ग के अभिभावक आर्थिक रुप से होने वाली परेशानी से बच सकें।

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