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भौम प्रदोष व्रत रखकर श्रद्धालुओं ने की भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना

गुरुग्राम। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। मंगलवार को यह व्रत श्रद्धालुओं द्वारा विधि-विधान से रखा गया। कहा जाता है कि जब त्रयोदशी तिथि मंगलवार के दिन होती है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। श्रद्धालुओं ने प्रात: दैनिक कार्यों से निवृत होकर व्रत का संकल्प लिया। स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान शिव व माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। शिव चालीसा व ओउम् ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम: मंत्र का जाप किया।  ज्योतिषाचार्य पंडित डा. मनोज शर्मा का कहना है कि भौम प्रदोष व्रत का सीधा संबंध मंगल ग्रह से होता है, और यह विशेष रूप से कर्ज मुक्ति के लिए बहुत फलदायी होता है। भौम प्रदोष व्रत का श्रद्धापूर्वक उपवास रखने से भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे न केवल आर्थिक संकट दूर होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है।