गुडग़ांव, मुस्लिम समुदाय का माह-ए-रमजान चल रहा है। रमजान
के पहले जुम्मे पर रोजेदारों ने अपने घरों में ही जुम्मे की नमाज अता की।
क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है। सभी मस्जिदें व
धार्मिक स्थल बंद पड़े हैं। सोहना चौक स्थित जामा मस्जिद के इमाम जान
मोहम्मद का कहना है कि 8वें रमजान पर आज शनिवार को जहां सहरी का समय
प्रात: 4 बजकर 12 मिनट तो वहीं इफ्तार का समय सायं 6 बजकर 58 मिनट पर
होगा। उनका कहना है कि रोजा भूख का ही नहीं होता, अपितु आंख व हाथों का
भी होता है। किसी से बुरा न कहना, सबसे प्यार से पेश आना ही रमजान माह की
विशेषता है। उनका कहना है कि वैसे तो सभी को पूरे साल व्यवहार कुशल रहना
चाहिए। रोजेदार रोजा रखने के बावजूद भी रोजमर्रा के काम करते हैं, जो समय
बच जाता है उसमें अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान का यह पाक माह
रोजेदारों को इंसान की कद्र करना सिखाता है। भूख प्यास क्या होती है, इस
सबका रमजान के माह में ही पता चल पाता है। उन्होंने समुदाय के लोगों से
आग्रह किया है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए घरों में ही नमाज अता
करें।
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