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बाजार में रंग-गिरंगी झालरों व सजावटी सामान की सज गई हैं दुकानें

गुरुग्राम। दीपावली में कुछ दिन शेष हैं, लेकिन तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। रंग-बिरंगे दीये, झालरें और सजावटी सामान से दुकानें सज चुकी हैं। व्यापारियों में भी खासा उत्साह है। इस बार दीपावली कई मायनों में खास होगी। बाजार में चाइनीज की बजाय मेक इन इंडिया की धूम रहेगी। झालर से लेकर टीवी और खिलौनों से लेकर गिफ्ट आइटम तक सौ फीसद भारतीय होंगे। कई व्यापारियों ने चीनी सामान का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया है। इसका असर बाजार पर दिखाई देगा। कई वर्षों से देश के बाजारों पर चीनी उत्पादों का कब्जा है। खासकर त्योहारों को ध्यान में रखकर चीन उत्पाद तैयार करता है। गुणवत्ता पर भले ही खरा न उतरे, लेकिन सस्ता होने की वजह से लोग पसंद करते थे। बीते कुछ महीनों से चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम के चलते स्वदेशी उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ी है। स्वदेशी झालर, लडियां, सजावटी मूर्तियां, रंग-बिरंगी लाइटें आदि तमाम उत्पादों से दुकानें भरी हुई हैं। ग्राहक पहले ही कह दे रहे हैं कि चाइनीज सामान नहीं चाहिए। घरों को सजाने और पूजा के लिए लोग चाइनीज सामान से परहेज कर रहे हैं। महंगा होने के बावजूद लोग बच्चों के लिए स्वदेशी खिलौनों को तव्वजो दे रहे हैं, जबकि पिछले साल दीपावली के पचास फीसद से ज्यादा बाजार पर चाइनीज उत्पादों का कब्जा था। कारोबारी विपिन कुमार ने बताया कि दो साल पहले तक भारत में लडियों-झालरों का निर्माण बहुत ज्यादा नहीं था। दुकानदारों की मजबूरी थी कि चाइनीज उत्पाद लाकर बेचें और लोगों के पास भी विकल्प कम ही थे। अब स्थिति ऐसी नहीं है। बाजार में अपने देश में निर्मित सजावटी उत्पादों की भरमार है। भले ही थोड़े दाम ज्यादा हों, लेकिन गुणवत्ता चाइनीज उत्पादों से काफी बेहतर है। दीपावली पर लक्ष्मी, गणेश, हनुमान, ब्रह्मा विष्णु महेश, दुर्गा और सरस्वती की मूर्तियों की मांग रहती है। दुकानदारों का कहना है कि अब चाइनीज मूर्तियां नहीं बेचेंगे। ग्राहक भी वहां की निर्मित मूर्तियां खरीदने को तैयार नहीं हैं। सभी मूर्तियों पर मेक इन इंडिया का स्टीकर लगाया जा रहा है।