गुडग़ांव, शहर में आजकल फर्जीवाडे का बोलबाला है। यानि कि
फर्जी तरीके से जहां लोगों के बैंकों से पैसे निकाल लिए जाते हैं, वहीं
फर्जी लोग अधिकारी बन लोगों को ठगते रहे हैं। गुडग़ांव की जिला अदालत में
कार्यरत अधिवक्ता भी इस फजीवाड़े से अछूते नहंी रहे हैं। जिला अदालत में
प्रैक्टिस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र कुमार कौशिक जोकि जिला बार
एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष भी रहे हैं और वह नोटरी भी हैं। उन्हें भी
फर्जीवाड़े का सामना करना पड़ गया है। जितेंद्र कुमार कौशिक ने सीएम
विण्डो व डीसीपी वेस्ट को शिकायत देकर गुहार लगाई है कि किसी अज्ञज्ञत ने
उनके नाम की नोटरी की फर्जी मोहर बनवाकर दस्तावेजों पर लगाकर उनके फर्जी
हस्ताक्षर किए हैं। मामले की पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त
कार्यवाही की जाए। उन्होंने अपनी गुहार में लिखा है कि उनका नोटरी
रजिस्ट्रेशन नंबर 17942/20 है। बार एसोसिएशन के प्रधान अभय दायमा ने
उन्हें गत दिवस अपने कार्यालय में बुलाया और उन्हें एक शपथपत्र दिखाते
हुए पूछा कि यह नोटरी की मोहर व हस्ताक्षर आपके हैं। जिसे देखकर उन्होंने
मना कर दिया। क्योंकि उस पर न तो कोई नोटरी का रजिस्ट्रेशन नंबर है और न
ही उनके पूरे नाम की मोहर है तथा उनके हस्ताक्षर भी नहीं हैं। किसी
व्यक्ति ने उनके नाम की फर्जी मोहर बनवाकर व दस्तावेज पर लगाकर फर्जी
हस्ताक्षर कर उनके साथ धोखाधड़ी की है। न जाने कितने दिन से इस प्रकार का
उनके नाम पर यह फर्जीवाडा किया जा रहा है। उन्होंने डीसीपी वेस्ट व सीएम
विण्डो पर शिकायत देकर गुहार लगाई है कि इस फर्जीवाडे का पता लगाया जाए,
जो व्यक्ति इसमें शामिल है, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए ताकि
भविष्य में इस प्रकार का और कोई फर्जीवाड़ा न हो सके।
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