गुडग़ांव, देश की आजादी से जुड़ा गणेशोत्सव पिछले कई
दशकों से इस पर्व को महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश आदि
प्रदेशों में धूमधाम से मनाया जाता है। साईबर सिटी में इन प्रदेशो के
परिवार बड़ी संख्या में निवास कर रहे हैं। प्रतिवर्ष इन लोगों के संगठन व
समितियां गणेशोत्सव का धूमधाम से आयोजन कर अपने-अपने प्रदेशों की सभ्यता
एवं संस्कृति से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से साईबरसिटीवासियों
को परिचित कराते रहे हैं। इन आयोजनों में स्थानीय लोग बढ़-चढक़र भाग लेते
रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण गणेशोत्सव पर कार्यक्रम
बड़े ही सीमित कर दिए गए हैं। गणेशोत्सव करीब एक सप्ताह तक मनाया जाता
था, लेकिन इस बार 1-2 दिन ही मनाया जाएगा। महाराष्ट्र मूल के परिवारों का
प्रतिनिधित्व करने वाली सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति 28वां गणेशोत्सव का
आयोजन आज शनिवार से करेगी। कमेटी के सदस्य के अध्यक्ष मनोज कराड़ व जीवन
तवेगावकर का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण उत्सव सार्वजनिक रुप से
आयोजित नहीं किया जा सकेगा। जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुसार ही
उत्सव का आयोजन हो रहा है। सैक्टर 31 स्थित कमेटी के सदस्य शांताराम
उदागे के आवास पर गणेश प्रतिमा श्रद्धालुओं की उपस्थिति में स्थापना की
जाएगी। उत्सव में समिति के जो सदस्य शामिल होंगे वे फेस मास्क लगाए होंगे
और सामाजिक दूरी का भी पालन करेंगे। आज सायं गणेश जी की पूरे विधि-विधान
के अनुसार आरती होगी और दूसरे दिन दोपहर एक बजे गणेश मूर्ति का विसर्जन
भी कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि समिति से जुड़े सदस्यों के परिजनों व
बच्चों की रुचि का ध्यान रखते हुए ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन किया
जाएगा। इन कार्यक्रमों में धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे। उनका
कहना है कि 23 अगस्त को बच्चों का टिमटिम तारे का प्रोग्राम ऑनलाइन होगा।
24 को स्वरांजलि समिति के सदस्य अपना कार्यक्रम ऑनलाइन प्रस्तुत करेंगे।
25 को हरि-कीर्तन होगा, 26 को डा. सच्चिदानंद सेवड़े का व्याख्यान भी
होगा, 27 अगस्त को संगीत संध्या, 28 को डा. आशुतोष जावडेकर द्वारा
सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी। 29 अगस्त को भी दिल्ली प्रतिष्ठान द्वारा
सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। 30 अगस्त को इन कार्यक्रमों का समापन होगा।
गणेशोत्सव के लिए समिति के सदस्य घरों में ही प्रसाद तैयार करने में जुटे
हुए हैं। आयोजन को सफल बनाने के लिए समिति के मकरंद साखरे, आशीष ताले,
बंगाले साहब, शांताराम उदागे आदि जुटे हुए हैं।
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