गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से देशवासियों को बचाने
के लिए करीब 2 माह के लॉकडाउन की घोषणा सरकार द्वारा की गई थी। इसी दौरान
प्रवासी श्रमिकों ने अपने गृह प्रदेश जाने के लिए पैदल ही यात्रा करनी
शुरु कर दी थी। इस दौरान इन श्रमिकों के साथ कुछ अप्रिय घटनाएं भी घटित
हो गई थी। जागरुक लोगों ने इस सब के लिए सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए
कार्यवाही करने की मांग भी की थी। आरटीआई कार्यकर्ता सतबीर सिंह ने आरोप
लगाते हुए कहा था कि इस सबके जिम्मेदार क्षेत्र के सांसद व विधायक हैं।
इन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। अपनी इस मांग को
लेकर आरटीआई कार्यकर्ता पिछले एक पखवाड़े से अपने आवास पर ही अन्न
त्यागकर धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि इस दौरान उनका वजन भी काफी कम
हो गया है। धरने पर बैठे समय 54 किलोग्राम था अब 51 किलोग्राम रह गया है।
लेकिन आज तक भी सरकार की ओर से कोई भी उनका हालचाल पूछने नहीं आया। उनका
यह भी कहना है कि यदि उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो वह अन्न-जल
त्यागकर आमरण अनशन भी शुरु कर देंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की
ही होगी।
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