गुडग़ांव, कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रवासी मजदूरों के
मामले में सर्वोच्च न्यायालय में हुई सुनवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए
सामाजिक संस्था भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा
एडवोकेट का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पैदल ही अपने घर लौट रहे प्रवासी
श्रमिकों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था और कुछ श्रमिकों के
साथ तो घटनाएं भी घटी थी। प्रवासी श्रमिकों की इन समस्याओं को सर्वोच्च
न्यायालय में उठाया गया, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सभी प्रदेश सरकारों
को आदेश दिए हैं कि वे आगामी 15 दिनों के भीतर इन श्रमिकों को उनके गृह
प्रदेश पहुंचा दें। अधिवक्ता का कहना है कि जो कार्य सर्वोच्च न्यायालय
को करना पड़ रहा है, यह कार्य बहुत पहले केंद्र व प्रदेश सरकारों को कर
लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्रवासी श्रमिकों को लेकर सर्वोच्च
न्यायालय के जो दिशा-निर्देश आए हैं सभी संगठन इन निर्देशों की सराहना कर
रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश सरकारों को सर्वोच्च न्यायालय के
दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजने की
व्यवस्था पूरी कर लेनी चाहिए।
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