गुरुग्राम, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों स्थित उद्योगों
में श्रमिक विवाद गहराता जा रहा है, जिसके कारण श्रमिक वर्ग में भारी रोष
व्याप्त है। समय-समय पर श्रमिक संगठन प्रदर्शन कर प्रबंधनों पर आरोप
लगाते रहे हैं कि प्रबंधन उनके सामूहिक मांग पत्रों को लटकाए हुए है,
जिससे कोई फैसला नहीं हो पा रहा है। इसी क्रम में एमके कंपनी में चल रहे
विवाद को लेकर शुक्रवार को उप श्रमायुक्त रमेश आहूजा के समक्ष समझौता
वार्ता का आयोजन किया गया, लेकिन प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण कोई
समझौता नहीं हो सका। श्रमिक संगठन एटक के जिला महासचिव व एमके श्रमिक
यूनियन के सलाहकार कामरेड अनिल पंवार ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने
श्रमिकों के गैर कानूनी ट्रांसफर का बहाना बनाकर कंपनी को लॉक आऊट किया
हुआ है तथा दूसरे स्थान से उत्पादन कराकर पूर्ति की जा रही है। उन्होंने
प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन गैर कानूनी तरीके से श्रमिकों
को निकालने का बहाना ढूंढ रही है। प्रबंधन जानबूझकर समझौता वार्ता को सफल
नहीं होने देना चाहती। श्रमिक यूनियन के प्रधान सतीश का कहना है कि यदि
प्रबंधन ने अपनी हठधर्मिता छोडक़र विवाद का समाधान नहीं कराया तो यूनियन
को मजबूर होकर कंपनी परिसर, उपायुक्त व श्रम विभाग के कार्यालयों पर धरना
प्रदर्शन करना पड़ेगा। समझौता वार्ता के लिए आगामी 12 मार्च की तारीख
निश्चित की गई है। अनिल पंवार ने भी श्रमिकों से आग्रह किया कि वे अपनी
एकता बनाए रखें, ताकि प्रबंधन से न्याय दिलाया जा सके। बैठक में प्रबंधन
की ओर से सुदर्शन कुमार, नरेंद्र कुमार और श्रमिक यूनियन की ओर से सतीश,
कृष्ण कुमार, दिगपाल सिंह राणा, मनोज कुमार, चोखेलाल, दिलसिंगार व अनिल
पंवार शामिल हुए।
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