गुरुग्राम, कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से प्रदेशवासियों
को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने दूसरे चरण का लॉकडाउन लगाया हुआ है।
दूसरे चरण के लॉकडाउन के 7वें व आखिरी दिन शहर की मुख्य सडक़ों पर जहां
यातायात सामान्य से कम ही दिखाई दिया, वहीं मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बेरिकेट्स लगाकर लोगों की आवाजाही को
नियंत्रित करते पुलिसकर्मी दिखाई दिए। प्रदेश सरकार लॉकडाउन की सीमा
बढ़ाएगी या नहीं, दिनभर लोग इस पर चर्चा करते रहे। लोगों का मानना है कि
बिना लॉकडाउन के कोरोना संक्रमण को रोका नहीं जा सकता। दोपहर बाद प्रदेश
के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने हिसार में एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि
तीसरे चरण के लॉकडाउन को आगामी 24 मई की प्रात: 6 बजे तक बढ़ाया जाता है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दिशा-निर्देश पूर्व की भांति ही रहेंगे।
उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह भी किया है कि वे कोरोना के प्रकोप को
रोकने के लिए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि कोरोना के बढ़ते
प्रकोप को कम किया जा सके, जिससे कोरोना नियंत्रित हो सके। दूसरे चरण का
लॉकडाउन आज सोमवार की प्रात: समाप्त हो रहा था। उधर मुख्यमंत्री के
गुडग़ांव आगमन पर भी गुडग़ांव पुलिस पूरी सतर्क दिखाई दी। शहर के विभिन्न
क्षेत्रों में लगाए गए नाकों पर पुलिस आने-जाने वाले वाहन चालकों से
पूछताछ करती रही कि वे कहां और किस लिए जा रहे हैं। गुडग़ांव पुलिस के
करीब 250 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इस सबके बावजूद भी
गुडग़ांव पुलिस अपनी जिम्मेदारी को मुस्तैदी से निभा रही है। कोरोना को
हराकर पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर आ रहे हैं। गुडग़ांव पुलिस द्वारा 20
पीसीआर वाहनों को पुलिस एंबूलैंस में परिवर्तित कर दिया गया है, ताकि
आमजन व कोरोना पीडि़त इन एंबूलैंस का निशुल्क लाभ उठा सकें। मानवता की
भावना को आगे बढ़ाते हुए पुलिसकर्मियों द्वारा दिहाडीदार मजदूरों व
जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य किया गया है और यह
व्यवस्था पिछले कई दिनों से चली आ रही है। कोरोना पीडि़त लोगों को
ऑक्सीजन भी उनके घरों में ही पुलिस के वाहनों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही
है। पुलिस आयुक्त केके राव सभी व्यवस्थाओं को व्यक्तिगत रुप से भी देख
रहे हैं और उच्चाधिकारियों को इन व्यवस्थाओं को सुचारु रुप से चलाने की
जिम्मेदारियां भी दी गई हैं। उधर शहर के मुख्य सदर बाजार में प्रात: लोग
अपनी जरुरत का सामान भी खरीदते दिखाई दिए, लेकिन इन लोगों ने सामाजिक
दूरी नहीं बनाई हुई थी।
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