गुरूग्राम, पड़ोसी देश चीन द्वारा देश की सीमाओं में घुसपैठ करने की कार्यवाही को केंद्र सरकार बड़ी गंभीरता से ले रही है। हालांकि देश के सैनिक चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जबाव देने में किसी भी तरह से पीछे नहीं हैं। केंद्र सरकार चीन से अपने व्यापारिक व अन्य संंबंध भी विच्छेद कर चुकी है। इसी क्रम में चीन के पॉपुलर मोबाइल गेमिंग व पब्जी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार के इस प्रतिबंध की घोषणा का
जहां अधिकांश लोग स्वागत कर रहे हैं, वहीं पब्जी गेम खेलने वाले लोग व किशोर वर्ग परेशान भी दिखाई देने शुरु हो गए हैं, लेकिन उनके अभिभावक बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं कि सरकार ने यह बहुत अच्छा कार्य किया है। देश से ऊपर कुछ भी नहीं है। पब्जी बच्चों के लिए काफी हानिकारक बताया जाता है। बच्चों को पब्जी की एक तरह से लत ही लग गई थी। इस गेम के प्रति किशोर व युवा वर्ग की दीवानगी देखते ही बनती थी। 6-7 वर्ष के बच्चे भी मोबाइल पर पब्जी खेलते रहते थे। इस खेल को लेकर बच्चों द्वारा आत्महत्या तक कर लेने के समाचार भी आ रहे थे। स्वयंसेवी व धार्मिक संस्थाओं ने भी पब्जी गेम पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के आदेश की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के गेम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं है। देश की सुरक्षा में लिए गए हर फैसले का संस्था व समाज पूरा स्वागत करती है। सामाजिक संस्था फरिश्ते गु्रप के चेयरमैन पंकज वर्मा का कहना है कि पब्जी गेम से जहां बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा था, वहीं उनके मानसिक स्तर पर भी इस गेम का प्रभाव दिखाई दे रहा था। बच्चे कई-कई घंटे रात और दिन पब्जी ही खेलते रहते थे। अभिभावकों के आग्रह को भी बच्चे नकार देते थे। कोरोना काल में इस गेम का प्रचलन और भी अधिक बढ़ गया था। सरकार ने पब्जी सहित 118 चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाने के जो आदेश दिए हैं उनका सभी
को स्वागत करना चाहिए। इसी प्रकार फरिश्ते गु्रप की ही कानूनी सलाहकार डा. अंजू रावत नेगी का कहना है कि अत्याधुनिक तकनीक जिसमे ऐप भी शामिल हैं वे सभी एक सीमा तक तो लाभदायक होते हैं, लेकिन कुछ ऐप बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होते हैं। पब्जी गेम इन्हीं में से एक है। टाइम पास करने के लिए बच्चे व बड़े भी पब्जी गेम खेलने में अपना अधिक समय व्यतीत करते थे। अब सरकार द्वारा इस गेम को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसका लाभ किशोर व युवा वर्ग को अवश्य मिलेगा और वे पब्जी की लत से बाहर आ सकेंगे। धन व समय की अधिक होती थी। अब बच्चे अपनी पॉकेट मनी को जरुरी कामों में इस्तेमाल करेंगे। बच्चों में ऑनलाइन गेम खेलना उनकी आदत बन गई थी और उनके ऑनलाइन दोस्त भी बड़ी संख्या में बन गए थे। अब उनसे भी बच्चो कों छुटकारा मिल जाएगा तथा अभिभावकों को भी राहत मिलेगी।
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