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नकारात्मकता को त्यागकर ही सकारात्मकता से कोरोना पर पाई जा सकती है विजय : बीके रजनी

गुडग़ांव, इंसान के पास सबकुछ होते हुए भी उसे आत्मिक
शांति नहीं है। इंसान अपनी ऊर्जा का सही रुप से इस्तेमाल नहीं कर रहा है।
इसीलिए उसे विभिन्न परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। यदि
नकारात्मकता को त्यागकर सकारात्मकता से काम किया जाए तो इंसान को आत्मिक
शांति अवश्य मिलेगी। यह कहना है धार्मिक संस्था ब्रह्माकुमारीज की बीके
रजनी का। ओम शांति रिट्रीट सेंटर में ऑनलाइन इनर पॉवर्स कार्यक्रम में
विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम अपने भीतर इनर पॉवर्स
विकसित कर लेंगे तो इसका सीधा लाभ हमें ही मिलेगा। उन्होंने उदाहरण देते
हुए कहा कि एटॉमिक एनर्जी का सही रुप से इस्तेमाल किया जाए तो सही है,
लेकिन जब इसका दुरुपयोग होने लगता है तो उसके बड़े ही भयंकर परिणाम होते
हैं। इसी प्रकार सूर्य से प्राप्त सोलर ऊर्जा भी बहुत महत्वपूर्ण है। यदि
इस ऊर्जा का भी दुरुपयोग किया जाए तो वह भी हम सभी के लिए हानिकारक है।
पूरे दिन हम अपनी ऊर्जा को व्यर्थ के कार्यों में ही गंवाते रहते हैं।
विभिन्न प्रकार की जानकारियों में ही अपनी ऊर्जा को खर्च कर डालते हैं।
उनका कहना है कि यदि स्वस्थ रहना है तो अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना
होगा। फालतू की बातों में समय नहीं गंवाना चाहिए। विश्व में कोरोना वायरस
का सामना अपने भीतर की ऊर्जा से ही किया जा सकता है। इसके लिए जहां
मेडिटेशन की जरुरत है, वहीं नकारात्मकता को त्यागकर सकारात्मकता को अपना
होगा।

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