गुडग़ांव, दूसरे चरण के लॉकडाउन के 13वें दिन भी शहरी व
ग्रामीण क्षेत्रों की सडक़ें वीरान ही दिखाई दी। गुडग़ांव जिले में कोरोना
पीडि़तों की बढ़ती संख्या भी चिंता का कारण बनी हुई है। हालांकि पिछले 2
दिनों से कोई कोरोना पॉजिटिव जिले में नहीं मिला है। हालांकि 35 लोग
कोरोना से मुक्त होकर अपने घरों में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। केवल 16
लोग ही कोरोना को लेकर अस्पताल में भर्ती हैं। जिन-जिन क्षेत्रों में
कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उन क्षेत्रों को जिला प्रशासन ने सील किया हुआ
है। इन क्षेत्रों में किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं है। स्वास्थ्य
विभाग इन क्षेत्रों पर पूरी नजर रखे हुए है। जिला प्रशासन ने छोटे स्तर
पर चलने वाले निर्माण कार्यों को करने की अनुमति भी दे दी है। कुछ
क्षेत्रों में सामाजिक दूरी व अन्य शर्तों का पालन करते हुए निर्माण
कार्य भी शुरु हो गए हैं। कुछ आवश्यक बड़े निर्माण कार्यों को भी शर्तों
के साथ अनुमति दी गई है। राहत शिविरों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को
उनके गंतव्य प्रदेशों में सरकार ने भेजने की व्यवस्था भी कर दी है, ताकि
ये लोग अपने गंतव्य प्रदेशों में अपने परिवारों के पास जा सकें। लॉकडाउन
का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है, लेकिन कुछ
लापरवाह लोग इस व्यवस्था को धता बताते हुए बेवजह ही सडक़ों पर उतर आते
हैं। ऐसे लोगों के प्रति पुलिसकर्मी भी सख्ती करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
आगामी 3 मई को लॉकडाउन खुल जाएगा या इसकी अवधि बढ़ा दी जाएगी। इसको लेकर
भी लोग चिंतन करने में जुटे हैं। लोगों का मानना है कि गुडग़ांव जिले को
सरकार ने कोरोना वायरस के पीडि़तों की संख्या को लेकर रेड जोन में रखा
हुआ है और 2-4 दिन बाद कोई न कोई कोरोना पॉजिटिव मिल ही जाता है। इसलिए
गुडग़ांव में लॉकडाउन की अवधि को शायद बढ़ाया भी जा सकता है। क्योंकि
प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन जिले वासियों के स्वास्थ्य से किसी प्रकार
का समझौता नहीं करना चाहता। इसलिए जिला प्रशासन समय-समय पर लोगों से
आग्रह भी करता आ रहा है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए वे अपने घरों में ही
रहें, ताकि कोरोना के संभावित बढ़ते प्रकोप को रोका जा सके। औद्योगिक
क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन ने जो छूट के साथ अनुमति दी थी, उसके
सार्थक परिणाम आने शुरु नहीं हुए हैं। आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने
वाली दुकानों को छोडक़र अन्य सभी प्रकार की दुकानें पूरी तरह से बंद हैं।
हालांकि इन कारोबारियोंा को भविष्य की चिंता सताने लगी है कि आगे कारोबार
कैसे होगा?
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