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दिहाड़ीदार मजदूरों व कामगारों को सहयोग देने के लिए संस्थाएं भी उतरी मैदान में

गुडग़ांव, कोरोना वायरस को लेकर हर कोई परेशान है। सभी
इससे बचने का उपाय करने में लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी
देशवासियों से आग्रह कर चुके हैं कि इस वैश्विक महामारी से बचने का एक ही
उपाय है कि अपने घरों में ही रहें। बाहर जाएंगे तो अधिक से अधिक लोगों के
संपर्क में आएंगे, जिससे इस महामारी के फैलने का खतरा और अधिक हो जाएगा।
इस सब को ध्यान में रखते हुए गुडग़ांव वासी ही नहीं, अपितु देश व प्रदेश
के सभी लोग अपने-अपने घरों में हैं। केवल वे लोग ही सडक़ों पर दिखाई दे
रहे हैं जो दिहाड़ीदार मजदूर, कामगार आदि हैं। जो अपने घरों की वापिसी कर
रहे हैं। यह सिलसिला पिछले 4-5 दिन से चला आ रहा है। हालांकि जिला
प्रशासन ने ऐसे लोगों के लिए नगर निगम क्षेत्र में ही नहीं, अपितु
ग्रामीण क्षेत्रों में भी शैल्टर होम की व्यवस्था कर दी है कि ये इन
शैल्टर होम में रहें जहां उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई
जाएंगे। लेकिन यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान मूल के ये लोग जिला
प्रशासन के इस आग्रह को कम ही मान रहे हैं। उनके पलायन का सिलसिला जारी
है। ऐसे लोगों की सहायता के लिए स्वयंसेवी व धार्मिक संस्थाएं भी आगे आ
रही हैं और उन्हें सामथ्र्यनुसार भोजन व दूध तथा बिस्किट आदि उपलब्ध करा
रही हैं, ताकि ये अपने गंतव्य की ओर जाने वाले लोग भूखे न रहें। सामाजिक
संस्था नैशनल नारी नव जागृति पॉवरग्रिड ऊराजर्स ट्रस्ट ने इन दिहाड़ीदार
मजदूरों, कामगारों आदि के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे लोगों के
परिवारों को करीब एक सप्ताह की खाद्य सामग्री की व्यवस्था कराई है।
संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, रामवृक्ष, अपने सहयोगियों मदनलाल,
राजेश, आसाराम, सन्नी सिंह, सुरेंद्र प्रसाद, नवीन गुप्ता, सुनील शर्मा,
रमेशचंद, आनंदी, उमा देवी, ऊषा देवी एवं महेश के सहयोग से इन खाद्य
सामग्रियों को इन मजदूरों के घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई है।
संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि उनका यही प्रयास रहेगा कि ये
दिहाड़ीदार मजदूर भूखे न रहें और अपने घरों में रहकर ही कोरोना से लड़ाई
लड़ें। घर में रहकर ही कोरोना को हराया जा सकता है।

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