गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए
तीसरे चरण का लॉकडाउन चल रहा है। तीसरे चरण के लॉकडाउन के 13वें दिन
अधिकांश शहरवासी घरों में रहकर ही लॉकडाउन का पालन करते नजर आए। हालांकि
कुछ आवश्यक कार्यों से लोग शहर के विभिन्न क्षेत्रों स्थित बाजारों में
भी घूमते दिखाई दिए। शहरवासियों को अब यह चिंता सता रही है कि तीसरे चरण
के लॉकडाउन के बाद क्या चौथे चरण का लॉकडाउन लागू होगा या नहीं? क्योंकि
गुडग़ांव में प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव की संख्या में वृद्धि होती जा रही
है, जिससे शहरवासियों का चिंतित होना स्वभाविक है। हालांकि प्रदेश सरकार
के सरकारी कार्यालय गत माह के अंतिम सप्ताह में खुल गए थे, लेकिन इन
कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति अभी भी कम है। आम आदमी भी अपने
कार्यों के लिए इन कार्यालयों में कोरोना वायरस के प्रकोप के भय से नहीं
पहुंच पा रहा है। जिला अदालतें भी अभी बंद हैं। तीसरे चरण के लॉकडाउन के
बाद अदालत खुलेगी या नहीं अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। इसको लेकर भी लोग
आपस में चर्चा कर रहे हैं। उधर जिला प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ बड़ी
संख्या में उद्योगों को खुलने की अनुमति दी हुई है, लेकिन श्रमिकों के
उद्योगों में न पहुंच पाने के कारण उत्पादन शुरु नहीं हो पा रहा है।
क्योंकि गुडग़ांव दिल्ली सीमा सील की हुई हैं। दिल्ली में रहने वाले
श्रमिकों को गुडग़ांव में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। इसी प्रकार
अन्य क्षेत्रों स्थित औद्योगिक प्रतिष्ठानों में भी कर्मचारियों की कमी
बनी हुई है। आईएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजूकी के प्लांट में वाहनों का
उत्पादन चल रहा है, लेकिन उत्पादन अभी गति नहीं पकड़ पाया है। मारुति के
ज्वाईंट वेंचर्स में भी आवश्यक कलपुर्जों का निर्माण शुरु हो चुका है।
लगता है कि उत्पादन धीरे-धीरे पटरी पर आना शुरु हो जाएगा। गुडग़ांव के
मारुति प्लांट को भी अगले सप्ताह से चलाने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही
हैं। प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जिलों में भेजने का सिलसिला प्रशासन
ने शनिवार को भी जारी रखा। शनिवार को 1200 प्रवासी श्रमिकों को हरियाणा
राज्य परिवहन की 40 बसों से यूपी के बुलंदशहर पहुंचाया गया। इसी प्रकार
गुडग़ांव रेलवे स्टेशन से जिला प्रशासन ने 22 बोगियों की श्रमिक स्पेशल
ट्रेन में 1424 प्रवासी श्रमिकों को दरभंगा के लिए रवाना किया। इन
श्रमिकों के परिवारों को फूड पैकेट, पानी, नमकीन, बिस्किट, मास्क आदि भी
उपलब्ध कराए गए। गाड़ी में चढऩे से पूर्व सभी की थर्मल स्कैनिंग भी की
गई। प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह प्रदेेश भेजे जाने का सिलसिला अभी भी
जारी है। गुडग़ांव प्रशासन अब तक 6 स्पेशल ट्रेनों से 8500 से अधिक
प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेज चुका है।
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