NCRअर्थव्यवस्थादेशराजनीतिराज्यस्वास्थ्य

तीसरे चरण के लॉकडाउन का 11वां दिन औद्योगिक प्रतिष्ठानों में उत्पादन की प्रक्रिया पकड़ती जा रही है जोर दिल्ली सीमा सील होने के कारण कंपनियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं श्रमिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह प्रदेशों में भेजने का सिलसिला वीरवार को रहा जारी

गुडग़ांव, वैश्विक कोरेाना वायरस के प्रकोप से
प्रदेशवासियों को बचाने के लिए लॉकडाउन चल रहा है। तीसरे चरण के लॉकडाउन
के 11वें दिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों की सडक़ें सायं तक तो व्यस्त दिखाई
देती हैं, लेकिन सायं 7 बजे से प्रात: 7 बजे तक इक्का-दुक्का वाहन ही नजर
आते हैं। रात्रि के समय शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पुलिस नाके लगा दिए
जाते हैं, जिन पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं और वे
आने-जाने वाले लोगों से पूछताछ भी करते हैं। इस सबको लेकर लोग रात्रि में
कम ही निकलते हैं। लापरवाह लोगों के प्रति पुलिस सख्त हुई दिखाई दे रही
है। उधर आईएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजूकी कंपनी में वाहनों का उत्पादन
शुरु हो चुका है। मारुति को विभिन्न कलपुर्जों की आपूर्ति करने वाले छोटे
उद्योगों में भी काम शुरु हो गया है। गुडग़ांव के मारुति प्लांट में भी
अगले सप्ताह से उत्पादन शुरु होने की संभावनाएं बनती जा रही हैं। उधर
उद्योग विहार स्थित लघु उद्योगों में श्रमिकों के न पहुंच पाने के कारण
उत्पादन शुरु नहीं हो पा रहा है। क्योंकि उद्योग विहार क्षेत्र में
गुडग़ांव-दिल्ली सीमा स्थित क्षेत्रों से ही श्रमिक काम करने के लिए आते
हैं और दिल्ली सीमा पर जिला प्रशासन ने पूरी सख्ती बरती हुई है। उधर
प्रवासी श्रमिकों को भी उनके गृह प्रदेशों में भेजे जाने की व्यवस्था भी
प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है। स्पेशल ट्रेनों से इन प्रवासी
श्रमिकों को उनके गृह प्रदेश भेजा जा रहा है। वीरवार को भी गुडग़ांव से
1200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार के खगरिया रेलवे स्टेशन के लिए रवाना
किए गए। इन सभी श्रमिकों व उनके परिवारों को विशेष यात्रा टिकट, भोजन,
पानी की बोतल व बच्चों के लिए बिस्किट व नमकीन आदि भी दिए गए, ताकि
उन्हें रास्ते में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। केंद्र
सरकार ने वीरवार को लॉकडाउन के प्रभाव से प्रभावित मजदूरों को सहायता
देने की घोषणा भी की है। सरकार की इन घोषणाओं को लेकर भी औद्योगिक
क्षेत्रों में पूरे दिन चर्चा बनी रही। तीसरे चरण के लॉकडाउन के अभी 3
दिन शेष हैं। शहरवासियों व औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की
निगाहें सरकार के अगले आदेश पर टिकी हुई हैं।

Comment here