गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से आम जनता को बचाने के
लिए लॉक्डाउन चल रहा है। लोग घरों में रहकर ही लॉकडाउन का पालन करते हुए
कोरोना से बचने का प्रयास करने में जुटे हैं। जिला प्रशासन ने लॉकडाउन के
दौरान गत सप्ताह कुछ राहतें भी जिलेवासियों को दी हैं। तीसरे चरण के
लॉकडाउन के 10वें दिन औद्योगिक क्षेत्रों स्थित कुछ इकाईयों में उत्पादन
भी शुरु हो चुका है। आईएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजूकी प्रतिष्ठान में
भी दूसरे दिन वाहनों का उत्पादन जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए
दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शुरु हुआ। प्रबंधन ने सामाजिक दूरी का
पालन करने की सभी कर्मचारियों को हिदायत दी है कि वे इसमें किसी प्रकार
की लापरवाही न करें। कंपनी की कैंटीन व रेस्ट एरिया में भी सामाजिक दूरी
का पूरा पालन कराया जा रहा है। वाहनों का निर्माण करते समय भी सामाजिक
दूरी का पूरा पालन प्रबंधन करा रही है। बिना फेस मास्क व हाथों को
सैनिटाइज किए बिना प्लांट में प्रवेश की अनुमति नहीं है। कलपुर्जों की
आपूर्ति करने वाले वाहनों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। मारुति कामगार
यूनियन के महासचिव कुलदीप जांघू का कहना है कि दोनों प्लांटों में कोरोना
वायरस से बचने के लिए पूरे उपाय किए गए हैं। यहां तक कि श्रमिक कार्यालय
में भी सामाजिक दूरी का पूरा पालन कराया जा रहा है। उनका कहना है कि
गुडग़ांव प्लांट में भी संभवत: अगले सप्ताह उत्पादन शुरु हो जाए और
ऑटोमोबाइल क्षेत्र फिर से पटरी पर आ जाए। उधर उद्योग विहार औद्योगिक
क्षेत्र स्थित इकाईयों में मजदूरों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
दिल्ली सीमाएं सील होने के कारण इन इकाईयों में कार्यरत दिल्ली में रहने
वाले मजदूर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इन उद्यमियों का भी कहना है कि जब तक
मजदूर ही काम पर नहीं आएंगे तो वे अपने प्रतिष्ठानों में उत्पादन कैसे
शुरु कर सकेंगे। जिला प्रशासन द्वारा प्रतिष्ठानों को चलाने की अनुमति
देने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता। जबकि जिला प्रशासन का मानना है कि
सरकार के अगले आदेशों तक गुडग़ांव से लगती दिल्ली सीमाएं सील रहेंगी।
क्योंकि गुडग़ांव में दिल्ली सीमा से लगते क्षेत्रों के कारण ही कोरोना
पॉजिटिव की संख्या में वृद्धि हुई है। गुडग़ांव में गत दिवस भी 16 कोरोना
पॉजिटिव मिले हैं जो बड़ी ही चिंता का कारण बनता जा रहा है। दिल्ली
सीमाओं पर पुलिसकर्मी पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
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