गुडग़ांव , भारत बचाव अभियान के तहत विशाल धरना प्रदर्शनों
का आयोजन विभिन्न सामाजिक व श्रमिक संगठनों द्वारा किया गया। इसी क्रम
में श्रमिक यूनियनों का प्रतिनीधित्व करने वाली ट्रेड यूनियन काउंसिल ने
मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन भी
सौंपा। काउंसिल के सतबीर सिंह, अनिल पंवार आदि ने श्रमिकों को संबोधित
करते हुए कहा कि खेती व किसानों को बरबाद करने के लिए सरकार ने तीन कृषि
कानून बनाए हैं। जिनका किसान विरोध करते आ रहे हैं। इसी प्रकार केंद्र
सरकार ने 4४ श्रम कानूनों को चार लेबर कोर्ट में बदल कर मजदूरों व
कर्मचारियों को पूंजिपतियों के गुलाम बनाने का प्रबन्ध कर दिया है।
उन्होंने ज्ञापन में मांग की है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
मजदूर विरोदी चारो लेबर कोर्ट रद्द किए जाएं। न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपए
हों। वेतन कटौती व छटनी बंद की जाए। मनरेगा की बजट को बढ़ाया जाए। सभी
खाद्य पदार्थ सुरक्षा के दायरे में लाए जाएं। कोरोना काल की अवधि तक
प्रति व्यक्ति को दस किलो अनाज व अन्य खाद्य सामान निशुल्क दिया जाए।
धरना प्रदर्शन में शामिल होने वालों में श्रमिक नेता राम निवास यादव,
मीरा देवी, एसएन दहिया, वीएस यादव, बलवान सिंह, सतीश खटखड़, विद्या देवी,
अमित पंवार, शिवकुमार, एसएल प्रजापति, ऊषा सरोहा आदि भी शामिल रहे।

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