गुडग़ांव, 40 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद 5 अगस्त को वह
दिन देखने को मिलेगा, जिसका देशवासी पल-पल प्रतीक्षा कर रहे हैं। यानि कि
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरु होने जा रहा है। श्रीराम
मंदिर निर्माण में देशवासियों को अपनी बड़ी कुर्बानी भी देनी पड़ी थी। यह
कहना है हरियाणा कला परिषद के पूर्व निदेशक अजय सिंहल का। उनका कहना है
कि वर्ष 1992 में जेल में बिताई गई 8 रातों की कड़ाके की सर्दी याद कर आज
भी सिहर जाते हैं। उनका कहना है कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे
के उदघोषों से पूरा देश गूंज रहा था। उत्तरप्रदेश व उससे लगते राज्यों
में तो जबरदस्त उत्साह श्रीराम मंदिर को बनाने को लेकर था। श्रीराम
भक्तों ने श्रीरामलला के गर्भगृह पर मस्जिदनुमा ढांचा तहसनहस कर दिया था।
उनका कहना है कि वर्ष 1990 में अयोध्या में होने वाली कार सेवा पर
तत्कालीन प्रदेश सरकार ने काफी अत्याचार किए थे। वर्ष 1992 में रामभक्तों
की सरकार आई तो मस्जिदनुमा ढांचा को रामभक्तों ने ढहा दिया था। रामभक्तों
को सरकार ने जेलों में डाल दिया था। उन्होंने भी जेल की यातनाएं सही थी।
5 हजार से अधिक कार सेवक हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल व यूपी की जेलों मे
बंद थे। हरियाणा के भी कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं को जेलों में बंद कर दिया
गया था। उनका कहना है कि यातनाओं को वे कभी नहीं भुला पाएंगे। रामभक्तों
में गजब का उत्साह व उमंग थी। रामभक्तों के संघर्ष का ही परिणाम है कि
देश की सर्वोच्च अदालत ने रामलला की जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर का
निर्माण करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है और इसी क्रम में 5 अगस्त को
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
द्वारा होने जा रहा है। हरियाणा से भी इस कार्यक्रम में रामभक्त भाग
लेंगे।
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