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जलभराव नहीं होने देने के दावे हुए फेल, गुरुग्राम हुआ पानी-पानी24 घंटे में गुरुग्राम में 133 एमएम बारिश दर्ज

शहर की सडक़ों में बने गड्ढों ने भी वाहन चालकों को खूब रुलाया

गुरुग्राम। शहर में हुई मूसलाधार बरसात ने हालात खराब कर दिए। हर तरफ पानी ही पानी नजर आया। जलभराव ना होने देने के नगर निगम के दावे पानी में डूबे नजर आए। पिछले 24 घंटे में गुरुग्राम में 133 एमएम बारिश दर्ज की गई है।बुधवार की शाम से शुरू हुई बरसात देर रात तक चली। रात नौ बजे तक शहर पानी पानी हो चुका था। चारों तरफ पानी ही पानी था। इसी पानी के बीच वाहनों का लंबा जाम लग गया। गुरुग्राम से बाहर  सोसायटी या गांवों की तरफ जाने के लिए कही से रास्ते नहीं थे। पानी इतना ज्यादा भर गया कि दुपहिया वाहनों के साथ कारें भी पानी में डूबने से बंद हो गई। लोगों की परेशानी और बढ़ गई। चाहकर भी लोग कुछ नहीं कर पा रहे थे। जलभराव की बात करें तो सिद्धेश्वर मंदिर चौक, रेलवे रोड, शिवाजी नगर, बसई से सेक्टर-9 व सेक्टर-4 तक, बसई रोड पर अर्जुन नगर वाली शिव मूर्ति चौक से लेकर पटौदी चौक, इससे आगे शनि मंदिर चौक से लेकर सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल तक, आगे बसई चौक से बसई पुराने फ्लाईओवर तक, सेक्टर नौ वाली रोड, सेक्टर 10 के भीतर, सेक्टर 10 से हीरो होंडा चौक, नेशन हाइवे 48 पर हीरो होंडा चौक से नरसिंहपुर तक, रेलवे स्टेशन से भीमगढ़ खेड़ी, कोसको फुटबॉल फैक्ट्री के सामने, छोटी पंचायत धर्मशाला रोड, राजेंद्रा फ्लाईओवर से द्वारका एक्सप्रेस से कनेक्टिविटी सहित अनेक स्थानों पर जलभराव हो गया।शहर की सडक़ों में बने गड्ढों ने भी वाहन चालकों को खूब रुलाया। टूटी सडक़े और गड्ढे पानी में कही नजर नहीं आते। ऐसे में कई जगह पर दुपहिया वाहन चालकों गड्ढों में गिरकर चोटिल हुए। इसकी जवाबदेही तय होनी ही चाहिए कि बारिश से पहले सडक़ों के गड्ढे क्यों नहीं भरे गए। कुछ जगह पर ऐसा किया जरूर गया, लेकिन हल्की बारिश में घटिया सामग्री से पैच वर्क उखड़ गए और गड्ढे बन गए। कई जगह तो ऐसी है जहां कई साल से गड्ढे है, लेकिन नगर निगम ने उन गड्ढों को भरने की कभी जहमत नहीं उठाई। शहर में कई सडक़ों पर गड्ढों में लोगों को चोटिल होने के लिए छोड़ दिया गया है। सिद्धेश्वर चौक, सोहना अड्डा, अर्जुन नगर, पुराना और नया रेलवे रोड, शिवाजी नगर, घंटेश्वर मंदिर चौक, पटौदी चौक से कादीपुर चौक तक, चार आठ मरला, मदनपुरी समेत अनेक ऐसे स्थान है जहां पर कई कई साल से गड्ढे है, लेकिन नगर निगम ने इनको भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। रोड टैक्स, हाउस टैक्स समेत कई टैक्स जनता देती है, मगर उस टैक्स के पैसे से सुविधाएं नहीं दी जा रहीं। नगर निगम की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठा रहें है कि आखिर बड़े बड़े दावे किसलिए करते है जब काम करना ही नहीं होता। शहर की बदली को देखकर लगता है कि नगर निगम कुछ काम नहीं कर रहा। नालों की सफाई तक पूरी नहीं की गई। कई जगह नालों के कनेक्शन ही नहीं है। संबंधित विभागों की इस पर जवाबदेही होनी चाहिए।मौसम विभाग की ओर से नौ जुलाई की सुबह 8 बजे से 10 जुलाई सुबह 8 बजे तक के जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश हुई है। गुरुग्राम तहसील में 133 एमएम, वजीराबाद तहसील में 122 एमएम, कादीपुर सब-तहसील में 119 एमएम, हरसरू सब-तहसील में 119, फर्रुखनगर तहसील में 67 एमएम, मानेसर तहसील में 55 एमएम, बादशाहपुर तहसील में 48 एमएम, पटौदी तहसील क्षेत्र में 33 एमएम व सोहना तहसील में 18 एमएम बारिश दर्ज की गई।