गुडग़ांव, कोरोना वायरस महामारी का सामना हर कोई कर रहा
है। सभी का यह प्रयास है कि इस महामारी से स्वयं व अन्य को बचाया जाए। इस
दौरान कुछ अप्रिय घटनाएं भी देश-प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में घटित हो
रही हैं। बुधवार को गुडग़ांव जिला न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे एक युवा
अधिवक्ता ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर अदालत परिसर स्थित अपने चैंबर में
आत्महत्या कर जीवनलीला समाप्त कर डाली। अधिवक्ता ने आत्महत्या करने से
पूर्व हिंदी भाषा में एक सुसाइड नोट भी लिख छोड़ा है, जिसमें उसने सोहना
क्षेत्र के एक व्यक्ति पर प्लाट पर कब्जा करने को लेकर प्रताडि़त करने के
आरोप लगाए हैं। बताया जाता है कि अदालत परिसर में उमेश कुमार वर्मा का
चैंबर नंबर 256 है। हालांकि जिला अदालतों में कार्य बाधित है, लेकिन
आवश्यक कार्यों से अधिवक्ताओं का अपने चैंबरों में आना-जाना रहता है।
जमीनी विवाद के चलते उमेश कुमार के खिलाफ अदालत में मामला दर्ज कराया हुआ
था। गुडग़ांव जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज का
कहना है कि उन्हें पता चला है कि अधिवक्ता पर जांच अधिकारी दबाव बना रहे
थे, जिसके चलते अधिवक्ता को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा। जब
अधिवक्ता की हालत गंभीर हुई तो उन्हें उपचार के लिए सिविल लाइंस क्षेत्र
स्थित पुष्पांजलि अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम
तोड़ दिया बताया जाता है। मृतक के परिवार में पत्नी व 2 बच्चे हैं और वे
रवि नगर में रहते हैं। गुडग़ांव जिला बार ने चेतावनी दी है कि मृतक के
सुसाइड नोट के आधार पर मामला दर्ज कर कार्यवाही की जाए। यदि मामले की
जांच कर रहे अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई तो बार को सख्त
कार्यवाही करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
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