NCRदेशराज्य

चाइनीज मोबाइल बन गए हैं लोगों के गले की फांस इन मोबाइलों की मरम्मत का खर्चा पड़ रह है कई गुणा महंगा अन्य देशों के मोबाइलों के प्रति लोगों का बढ़ा है रुझान चाइनीज मोबाइल ऐप के प्रतिबंध का स्वागत कर रहे हैं शहरवासी

गुडग़ांव, चीन निर्मित सामान का बहिष्कार करने का सिलसिला
शहर में जारी है। हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए
केंद्र सरकार ने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। शहरवासियों का
कहना है कि वे सरकार के इस फैसले के साथ पूरी तरह से हैं। वे किसी भी
चाइनीज मोबाइल ऐप व अन्य सामग्री का इस्तेमाल नहीं करेंगे। सरकार शीघ्र
ही इनका विकल्प भी ढूंढ लेगी। उधर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में चाइनीज
फोन को लेकर भी समस्या उत्पन्न हो गई है। अधिकांश लोगों ने चाइनीज मोबाइल
खरीदा हुआ है। कुछ लोगों के मोबाइल खराब हो गए हैं तो दुकानदार इसका पूरा
फायदा उठाने में पीछे नहीं हैं। वे मनमानी दरों पर इन मोबाइल को ठीक कर
रहे हैं। उनका कहना है कि मोबाइल के पार्ट्स चीन से नहीं आ रहे हैं और
जिन दुकानदारों के पास इन पार्टस का स्टॉक था वह खत्म हो चुका है। उन्हें
इधर-उधर से ही पार्टस की व्यवस्था करनी पड़ रही है। यह चाइनीज मोबाइल
लोगों के गले की फांस बन गए हैं। इनकी मरम्मत भी मुश्किल से हो पा रही
है। मोबाइल रिपेयर करने वाले विजय कुमार का कहना है कि साईबर सिटी में
हजारों की संख्या में मोबाइल रिपेयर की दुकानें व शोरुम हैं। अधिकांश
मोबाइल ऑनलाइन ही प्राप्त किए जाते हैं। उनका कहना है कि मेड इन इंडिया
मोबाइल में भी चाइनीज पार्टस लगे होते हैं। अब इन पार्टस के न मिलने के
कारण मोबाइल की मरम्मत करना काफी महंगा हो गया है। उनका यह भी कहना है कि
चाइनीज मोबाइल की मांग करीब 50 प्रतिशत तक कम हो गई है। अब लोग चाइनीज
मोबाइल को ज्यादा पसंद नहीं कर रहे हैं। दूसरे देशों के मोबाइल उनकी पसंद
बनते जा रहे हैं।

Comment here