गुरुग्राम, किसान आंदोलन के समर्थन में गुडग़ांव के
संयुक्त किसान मोर्चा का अनिश्चितकालीन धरना रविवार को 35वें दिन भी जारी
रहा। इस धरने में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह
चढूनी भी शामिल हुए। चढूनी ने धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए
कहा कि केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही तीनों
कृषि कानून बनाए हैं। ये कानून एग्रो बिजनेस कानून हैं, खेती कानून नहीं
हैं। उन्होनें कहा कि केंद्र सरकार को खेती के कानून बनाने का अधिकार ही
नहीं है। उन्होंने आरोप लगाए कि पिछले 2 सालों में देश के गिने-चुने
पूंजीपतियों की आय कई गुणा बढ़ गई है। जबकि गरीब आदमी और गरीब हो गया है।
तिरंगे का अपमान सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम था। सरकार ने इसे
साजिश के तहत कराया है। उन्होंने कहा कि किसी भी धरने का स्थानीय लोगों
ने कोई विरोध नहीं किया है। यदि ये कानून बन जाते हैं तो मुनाफाखोरी व
भुखमरी बढ़ेगी। यह किसान आंदोलन नहीं, अपितु जनांदोलन बन गया है। सरकार
षडय़ंत्र रचकर इस आंदोलन को तोडऩा चाहती है। सभी धरना स्थलों पर किसानों
की संख्या बढ़ती जा रही है। किसानों के हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने किसान
मोर्चा के पदाधिकारियों से विस्तृत बातचीत भी की। मोर्चा के अध्यक्ष
संतोख सिंह ने चढूनी को आश्वस्त किया कि किसान मोर्चा का समर्थन आगे भी
जारी रहेगा और यह धरना तब तक चलेगा, जब तक कि किसानों की मांगें पूरी
नहीं हो जाती। धरने पर राव कमलवीर, आरएस राठी, गजेसिंह कबलाना, प्रो.
श्याम सिंह, अधिवक्ता अरुण शर्मा, राहुल भारद्वाज, डा. धर्मवीर राठी,
दलवीर सिंह, विरेंद्र कटारिया, तारीफ सिंह गुलिया, डा. सारिका वर्मा सहित
विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुख व्यक्ति भी शामिल हुए।
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