गुडग़ांव, सावन माह में विभिन्न प्रकार के मिष्ठान बनाने
की प्रथा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। इन्हीं में से घेवर भी एक
स्वादिष्ट मिष्ठान है जो सावन माह में ही बनता है और इस्तेमाल भी सावन
माह में ही होता है। घेवर को बनाने के लिए कारीगरों की भी व्यवस्था
हलवाईयों को करनी पड़ती है। ये कारीगर उत्तरप्रदेश के बताए जाते हैं।
लॉकडाउन के कारण हलवाईयों की दुकानें करीब साढ़े 3 माह बंद रही, जिसके
कारण अधिकांश प्रवासी श्रमिक अपने घरों को लौट गए थे। अनलॉक 2 में सदर
बाजार में अधिकांश दुकानें खुल गई हैं। अब उन्हें बुलाने का प्रयास किया
जा रहा हे। अनलॉक के बाद अब ग्राहकों की संख्या कुछ बढऩी शुरु हो गई है।
सावन माह में ही तीज और रक्षाबंधन का पर्व भी आएगा। मिष्ठान भण्डार
संचालकों का कहना है कि अब उन्हें उम्मीद बंधी है कि आने वाले त्यौहारों
पर भी मिष्ठान की मांग बढ़ेगी और उनका काम जोर पकड़ेगा। शहर के विभिन्न
मिष्ठान भण्डारों पर जहां सादा घेवर 340 रुपए प्रति किलो है, वहीं खोवे व
मलाई वाला घेवर 440 रुपए प्रति किलो की दर पर बेचा जा रहा है।
Comment here