गुरुग्राम सावन माह में जहां मौसम परिवर्तित होता है,
वहीं विभिन्न प्रकार की मिठाईयां भी बाजार में देखने को मिलती हैं। सावन
माह में ही घेवर की भीनी-भीनी खुशबू से पूरा बाजार भी महकता रहता है।
घेवर की मांग सावन में बहुत अधिक बढ़ जाती है। लेन-देन में भी घेवर का ही
प्रचलन है। साईबर सिटी के विभिन्न क्षेत्रों स्थित हलवाईयों की दुकानों
पर घेवर की विभिन्न किस्मों की शहरवासी खरीददारी करते दिखाई दे रहे हैं।
तीज महोत्सव पर घेवर खरीदने वालों की हलवाईयों की दुकानों पर गत वर्ष की
तरह इस वर्ष भी काफी भीड़ दिखाई देगी। कहा जाता है कि सावन के बाद घेवर
बनना बंद हो जाते हैं। घेवर की मिठास किसी से छिपी नहीं है। घेवर को जहां
स्वाद के हिसाब से इस्तेमाल किया जाता है, वहीं बहू-बेटियों को सावन माह
में भेंट के रुप में भी भेजा जाता है। हलवाईयों की दुकानों पर तरह का
घेवर उपलब्ध है।
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