गुडग़ांव,
जिला अदालत परिसर में भी कोरोना वायरस को लेकर
जिला न्यायालय प्रशासन गंभीर होता दिखाई दे रहा है।
बुधवार को जिला अदालत
के सभी द्वारों को बंद कर दिया गया। जिला अदालत में
आने-जाने के लिए केवल
एक ही द्वार खुला रखा गया और उस पर भी पुलिसकर्मियों
को तैनात कर दिया
गया है कि अदालत परिसर के भीतर जाने वाले मुवक्किलों
आदि की जांच करके ही
परिसर में भेजा जाए। इसी प्रकार प्रशासन ने अदालत परिसर
में भी बड़ी
संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी है, ताकि
बिना किसी काम के कोई
अदालतों मे प्रवेश न कर सके। यह सब कोरोना वायरस से
बचाव के लिए ही किया
जा रहा है। पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल ने पहले
से ही आदेश दिए हुए
हैं कि प्रदेश की सभी जिला अदालतों में केवल उन्हीं
मामलों को सुना जाए
जो अत्यंत जरुरी हैं, जिनमें जमानत व स्थगन आदेश वाले
मामले शामिल किए गए
हैं। अदालतों में चल रहे मामलों में अगली तारीखें देने
का भी आदेश पंजाब
एंड हरियाणा उच्च न्यायालय से आ चुका है कि आगामी
31 मार्च तक यही
व्यवस्था जारी रखी जाए। जिला जेल में बंद आरोपियों
की अदालत में पेशी पर
रोक लगा दी गई है। जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी
भी कोरोना वायरस को
लेकर गंभीर दिखाई दे रहे हैं। जिला बार के पूर्व उपाध्यक्ष
जितेंद्र
कौशिक ने बताया कि जिला अदालत परिसर स्थित सभी दुकानों
को भी बंद करा
दिया गया है, ताकि इन दुकानों पर लोग नहीं बैठेंगे
तो वायरस के प्रकोप से
बचा जा सकता है। अदालत परिसर में कोरोना से बचने के
लिए व्यवस्था
चाक-चौबंद कर दी गई है।
��लत करार
दिया और विभाग को यह
आदेश दिया कि देवेंद्र सिंह द्वारा जमा कराई गई 80
हजार 633 रुपए की
जुर्माना राशि को 6 प्रतिशत ब्याज दर से 2 माह के भीतर
भुगतान किया जाए।
अधिवक्ता का कहना है कि पीडि़त उपभोक्ता अब बिजली निगम
के खिलाफ मानहानि
व ह्रासमेंट का केस भी दायर करेगा, जिसकी उसने तैयारियां
शुरु कर दी हैं।
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