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कोरोना महामारी के दौरान छात्रों की परीक्षाएं न कराने के निर्णय की छात्रों ने की सराहना

गुडग़ांव, बीते एक माह से हरियाणा प्रदेश के अंतिम वर्ष के
छात्रों की परीक्षाओं को न कराने को लेकर जारी छात्रों का आंदोलन आखिरकार
सफल हो ही गया। कोरोना वायरस के चलते पिछले 3 माह से प्रदेश के सभी कॉलेज
बंद पड़े हैं। छात्रों का पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हो पाया था। उसके बाद
परीक्षाएं होनी निश्चित थी, जिस पर प्रदेश सरकार ने अंतिम वर्ष के
छात्रों की परीक्षाएं आयोजित करने के आदेश भी जारी कर दिए थे। इन आदेशों
का छात्र विरोध कर रहे थे। उनका मानना था कि कोरोना के चलते ये परीक्षाएं
नहीं होनी चाहिए। क्योंकि कोरोना से परीक्षाओं में बैठने वाले छात्र
कोरोना से पीडि़त हो सकते थे। छात्र नेता आशीष राजपूत का कहना है कि
प्रदेश सरकार ने छात्रों की समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए छात्रों की
परीक्षा लेने का फैसला वापिस ले लिया है। प्रदेश के हायर एजूकेशन विभाग
द्वारा जारी नोटिस के अनुसार अब अंतिम वर्ष के छात्रों को भी जनरल प्रमोट
किया जाएगा। यानि कि 50 प्रतिशत पिछले वर्ष के परीक्षा परिणाम और 50
प्रतिशत इंटरनल परीक्षाओं के आधार पर छात्रों को उत्तीर्ण किया जाएगा।
सरकार के इस निर्णय से छात्र काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि वे इस
मुहिम को पिछले एक माह से चलाते आ रहे थे। उन्होंने प्रदेश सरकार के
निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना काल में परीक्षाओं को रद्द कर
अच्छा निर्णय लिया है। इस फैसले के निर्णय से गुडग़ांव के करीब 8 हजार
छात्र व हरियाणा के सवा लाख छात्रों को राहत मिली है।

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