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कोरोना महामारी काल में वर्क फ्रॉम होम में बढ़ते काम के दबाव से उलझती जा रही हैं रिश्तों की डोर

गुडग़ांव, कोरोना महामारी ने जहां हर क्षेत्र को किसी न
किसी रुप में प्रभावित कर रख दिया है, वहीं वर्क फ्रॉम होम में काम के
दबाव से पारिवारिक समस्याएं भी उत्पन्न होनी शुरु हो गई हैं या दूसरे
शब्दों में कहा जाए तो काम के दबाव से रिश्तों की डोर उलझती जा रही है।
पति-पत्नी एक दूसरे की शिकायत करते थक नहीं रहे हैं और इसके प्रभाव से
बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के
दौरान घरों से ही दफ्तर का काम किया जा रहा है। जिस परिवार में पति-पत्नी
में से एक ही काम करता है, वहां अधिक समस्या पैदा हो रही है। पति-पत्नी
के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर कहासुनी होना आम बात हो गई है। ऐसे माहौल
का असर बच्चों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है और उनमें चिड़चिडापन आता जा
रहा है। कोरोना काल रिश्तों को बिगाडऩे में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है।
जानकारों का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम में काम के घंटे बढ़ जाते हैं।
इसके अलावा कार्यालय की तरह का माहौल भी नहीं बन पाता। ऐसे में पति-पत्नी
एक दूसरे को समझने में चूक कर बैठते हैं, जिसका रिश्तों पर गलत प्रभाव
पड़ता है। जिन घरों में पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं, वहां मुश्किलें
कम हैं। दोनों एक दूसरे के काम के तनाव को अच्छी तरह समझते हैं, जिससे
उनमें पारस्परिक तालमेल भी बैठ जाता है। इस सबसे उन्हें वर्क फ्रॉम होम
में अधिक मुश्किल नहीं आती, अपितु वे एक दूसरे की सहायता भी करते हैं।
जानकारों का कहना है कि जहां पर पुरुष ही नौकरी करते हैं और उन्हें वर्क
फ्रॉम होम करना पड़ रहा है, वे पत्नी पर आरोप लगाते रहे हैं कि पत्नी
उनके काम के दबाव को समझना ही नहीं चाहती। पत्नी चाहती है कि घर के काम
में पति भी उसकी मदद करे, लेकिन जब पति को समय ही नहीं मिल पाता तो वह
कैसे मदद कर पाएगा। ऐसा नहीं करने पर तनाव की स्थिति बन जाती है। इन
पुरुषों का यह भी कहना है कि उनकी पत्नी को लगता ही नहीं कि वे कुछ विशेष
काम करते हैं, वे तो समझती हैं कि कंप्यूटर व लैपटॉप के सामने ही बैठे
रहते हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी का सामना देशवासियों को
करना पड़ रहा है। इस कोरोना काल में घरेलू हिंसा के मामले भी बड़ी संख्या
में सामने आए हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ते हुए तनाव को
पति-पत्नी एक दूसरे के कार्यों की सराहना कर दूर कर सकते हैं। एक दूसरे
को यह एहसास कराएं कि उनके सहयोग के बिना वर्क फ्रॉम होम कर पाना बड़ा ही
मुश्किल है। तनाव को दूर करने के लिए  पति-पत्नी को एक दूसरे की भावनाओं
को समझना चाहिए और उनका आदर भी करना चाहिए। तभी इस महामारी के दौर में
उलझ रही रिश्तों की डोर टूटने से बच सकती है।

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