गुडग़ांव, कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव हर
क्षेत्र में पड़ता दिखाई दे रहा है। आम आदमी से लेकर हर कारोबार भी
प्रभावित हुआ है। हालांकि केंद्र व प्रदेश सरकारें कोरोना को नियंत्रित
करने के लिए वह सब कर रही हैं, जो इन हालातों में आवश्यक है। दूसरी लहर
के शुरु होने पर कोरोना को चुनौती देने के लिए देश में संसाधनों की भारी
कमी थी, जिसका खामियाजा देशवासियों को अपनी बहुमूल्य जानें देकर चुकाना
पड़ा। सरकार के इन प्रयासों के बाद इस लहर पर अब कुछ हद तक काबू पाया जा
सका है। देश व प्रदेशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में भी कमी आई
है। कोरोना से स्वस्थ होने वालों की दर में भी वृद्धि हुई है। कोरोना से
मरने वालों की संख्या भी पहले से कम होती दिखाई दे रही है, लेकिन कोरोना
का प्रकोप पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में लापरवाही बरतना कोरोना
की आफत को आमंत्रित करने के समान है। इसलिए सभी को सरकार द्वारा जारी
दिशा-निर्देशों का पूरा पालन करना चाहिए। सुनने में आ रहा है कि कोरोना
की तीसरी लहर भी आने वाली है। इसको सुनकर समाज का हर वर्ग चिंतित होता
नजर आ रहा है, लेकिन चिंता करने से कोई फायदा नहीं है। कोरोना से बचाव के
लिए जहां दिशा-निर्देशों का पालन करना जरुरी है, वहीं अपने भीतर आम आदमी
को भी सकारात्मकता लानी होगी, ताकि नकारात्मकता के इस माहौल में इस
महामारी से पार पाया जा सके। बुद्धिमान लोगों का भी कहना है कि समय पर
समस्या को पहचान लेना उसका आधा हाल निकाल लेने के समान है। महामारी के
खिलाफ रातोंरात तैयारियां नहीं हो सकती। उनका कहना है कि कोरोना की तीसरी
का सामना करने के लिए सभी स्तरों पर केंद्र व प्रदेश सरकारों को सामूहिक
रुप से कार्य करना होगा, ताकि कोरोना का प्रभाव कम हो सके और इसकी चपेट
में आने से लोगों को बचाया जा सके। यह महामारी इतनी आसानी से खत्म होती
दिखाई नहीं दे रही है। दूसरी लहर आने पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा
था कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को कोरोना की दूसरी लहर की
तैयारियों के लिए जानकारी नहीं दी थी। हालांकि केंद्र सरकार समय-समय पर
राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करती रही है। लापरवाही प्रशासन व आम आदमी
के स्तर पर ही अधिकांशत: होती दिखाई देती हैं। कोरोना की इस तीसरी लहर
में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि इसकी
पुष्टि के लिए कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है। अभी तक अधिकांश संक्रमण
वयस्क और बुजुर्गों में हुए हैं और कोरोना को रोकने के लिए इन आयु वर्ग
का टीकाकरण भी किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि 18 वर्ष से कम आयु
वर्ग की आबादी के लिए अभी कोरोना के टीके की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे
में यह आयु वर्ग अतिसंवेदनशील होगा। इस तीसरी लहर का सामना करने के लिए
केंद्र व राज्य सरकारों को पूरी तैयारियां करनी होगी, तभी इस तीसरी लहर
से देशवासियों को बचाया जा सकता है। अस्पताल में बैड, ऑक्सीजन, प्राथमिक
स्वास्थ्य केंद्रों को सक्रिय रखने की जरुरत भी होगी, ताकि इस सबका सामना
ईमानदारी के साथ किया जा सके। यह स्पष्ट है कि कोरोना वायरस के खिलाफ
पूरा देश लड़ रहा है और इस महामारी से देश बाहर भी निकलेगा, लेकिन इस
सबके लिए सबसे बेहतर यही होगा कि स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाया जाए।
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