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कोरोना का प्रभाव दिखाई दिया भगान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी श्रद्धालुओं ने घरों मे ही मनाया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व नन्हे-मुन्ने श्रीकृष्ण का रुप धारण कर हुए आयोजन में शामिल

गुडग़ांव, भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को लेकर
साईबर सिटीवासियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई दिखाई दी,लेकिन अधिकांश
साईबर सिटीवासियों ने मंगलवार को ही व्रत रखकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का
पर्व मनाया। कोरोना वायरस के कारण जिले के सभी मंदिर बंद पड़े हुए हैं।
श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही नन्हे-मुन्ने बच्चों को श्रीकृष्ण की
वेशभूषा धारण कराकर इस पर्व को मनाया। कालोनियों व सैक्टरो में घर-घर में
यह नजारा देखने को मिला। किसी नन्हे-मुन्ने को जहां श्रीकृष्ण बनाया तो
वहीं बढ़ती उम्र के बच्चों ने ग्वाला आदि का रुप धारण किया हुआ था।
उन्हें झूला भी झुलाया गया। भगवान श्रीकृष्ण का गुणगान श्रद्धालुओं ने
भजनों के माध्यम से भी किया, जिसमें पड़ोस के लोग सामाजिक दूरी का पालन
करते हुए शामिल हुए। श्रद्धालुओ ने श्रीकृष्ण से संबंधित झांकियां भी
बनाई थी। कुछ उत्साहित बच्चों ने तो अपने-अपने क्षेत्रों में रस्म अदायगी
के रुप में दही-हाण्डी का आयोजन भी किया। इस आयोजन में बच्चे, महिला,
पुरुष बड़ी संख्या में शामिल हुए। कुछ श्रद्धालु तो बंद हुए मंदिरों की
चौखट पर शीश झुकाते हुए नजर आए। सैक्टर 4 स्थित श्रीकृष्ण मंदिर, राम
मंदिर, पटेल नगर स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर, सूर्य विहार के वैष्णो
देवी मंदिर, घंटेश्वर, भूतेश्वर, सिद्धेश्वर, प्रेम मंदिर, गुफावाला
मंदिर आदि के पुजारियों का कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को
जन्माष्टमी के अवसर पर भव्य रुप में सजाया गया है। उनकी विधि-विधान के
अनुसार पूजा-अर्चना भी मंदिर के पुजारियों व उनके सहयोगियों द्वारा की
जाएगी, लेकिन पूजा-अर्चना में श्रद्धालु कोरोना के कारण शामिल नहीं हो
सकेंगे। रात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद प्रसाद वितरण की व्यवस्था
भी श्रद्धालुओं के लिए की हुई बताई जाती है। कोरेाना का प्रभाव
जन्माष्टमी पर भी स्पष्ट रुप से पड़ता दिखाई दिया है।

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