गुडग़ांव, फलों के राजा के नाम से प्रसिद्ध आम पर भी
कोरोना की मार पड़ती दिखाई दे रही है। गत वर्षों की अपेक्षा आम खरीदने
वालों की संख्या में भारी कमी आई है। आम सस्ता होने के बाद भी खरीददार
नहीं मिल पा रहे हैं। कोरोना के डर से आम लोगों ने फलों से भी दूरी बनाकर
रख ली है। इसका सबसे अधिक असर फलों के राजा आम पर पड़ता दिखाई दे रहा है।
आमों की कई किस्में हैं, लेकिन अधिकांश लोग दसहरी आम को अधिक पसंद करते
हैं, लेकिन आज वही दसहरी आम ग्राहकों का इंतजार कर रहा है। दसहरी आम की
कीमत 40 रुपए से 50 रुपए प्रतिकिलो है, लेकिन फिर भी खरीददार नहीं खरीद
रहे हैं। रेहडिय़ों पर आमों की साईबर सिटी में बड़ी बिक्री होती है। ये
रेहड़ी वाले गलियों व मोहल्लों में आम की बिक्री करते रहे हैं। आढ़तियों
का भी कहना है कि शुरुआत में तोतापरी आम के बाद अब बाजार में दसहरी,
चौसा, सफेदा, लंगड़ा, मालदा आदि किस्मों के आमों की बाजार में भरमार है,
लेकिन खरीददार नहीं मिल रहे हैं। गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष आम के दामों
में काफी कमी बताई जा रही है। आम की खपत कम है। लोग कोरोना के डर से आम
नहीं खरीद रहे हैं।
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