गुरूग्राम, कोरोना महामारी ने वैसे तो हर क्षेत्र को
प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से बुरी तरह से प्रभावित किया है। इस काल में
खाद्य पदार्थों के दामों में भी वृद्धि हुई है। कोरोना के कारण बंद हुए
कारोबारों से हर कोई परेशाान है, लेकिन सबसे अधिक समस्या का सामना खाद्य
तेलों की बढ़ी कीमतों ने आमजनता की कमर ही तोड़ कर रख दी है। सरसों के
तेल की कीमत करीब 200 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। रिफाइंड व मूंगफली
के तेल के दामों मे भी वृद्धि हुई है। जानकारों का कहना है कि कोरोना काल
में कमर तोड़ महंगाई ने लोगों को परेशान कर रख दिया है। सरसों का तेल की
गिनती गरीब वर्ग के खाद्य पदार्थों के लिए की जाती रही है, लेकिन कोरोना
महामारी में यही सरसों का तेल 200 लीटर तक पहुंच गया है। खाद्य पदार्थ की
बिक्री करने वाले व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह से खाद्य तेलों की
कीमतों में वृद्धि हो रही है, ऐसे में नहीं लगता कि इन खाद्य तेलों के
बढ़ते हुए दाम कुछ कम होंगे। इन तेलों का दाम और भी अधिक बढ़ सकता है।
जानकारों का कहना है कि करीब 4 माह पूर्व सरसों का तेल करीब 115 रुपए लीटर में मिल रहा था, जो रिफाइंड तेल 90 रुपए प्रति लीटर था उसके दाम भी दोगुने हो चुके हैं। सरकार बढ़ती हुई कीमतों को नियंत्रित नहीं कर सकी है। खाद्य तेलों के भाव इस कोरोना काल में अपने उच्चतम स्तर पर हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित किया जाए।
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