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कोरेाना महामारी का प्रभाव लघु व मध्यम उद्योगों पर भी कच्चे माल की बढ़ती दरों को सरकार करे नियंत्रित

गुरुग्राम कोरोना महामारी के दौर में हर कारोबार प्रभावित
हुआ है। कोरोना का प्रभाव उद्योगों पर भी पड़ा है। छोटे उद्योग कोरोना के
प्रभाव से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। उद्योग जगत कोरोना महामारी के
प्रभाव से जितना संभलने का प्रयास कर रहा है, उतना ही उसको अधिक
परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लघु उद्यमियों का कहना है कि उनको
औद्योगिक कच्चे माल की आपूर्ति नहीं हो रही है। कच्चा माल बहुत ही महंगा
है। गत वर्ष की तुलना में इसकी कीमत में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिससे
लघु व मध्यम उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। ये उद्योग पुराना
ऑर्डर न तो पूरा कर पा रहे हैं और न ही नया ऑर्डर लेने की स्थिति में है।
उद्यमियों का कहना है कि प्लास्टिक, रबर, स्टील, कॉपर सहित अन्य प्रकार
के औद्योगिक कच्चे माल की कीमत आसमान छूती जा रही है, जिससे कच्चे माल की
महंगाई से उनके उत्पादन की लागत काफी बढ़ गई है। ऑटो इंजीनियरिंग,
फर्नीचर व बिजली से संबंधित उपकरणों का उत्पादन करने वाली इकाईयों की कमर
टूटती नजर आ रही है। उनका उत्पादन भी गिरता जा रहा है। उद्यमियों का
प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने भी केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की
है कि लघु उद्योगों को बंद होने से बचाया जाए। यानि कि कच्चे माल की
बढ़ती कीमतों को नियंत्रित किया जाए, ताकि ये उद्योग बंद होने से बच
सकें। इन उद्योगों के बंद होने से बड़ी संख्या में क्षेत्र में बेरोजगारी
की समस्या भी पैदा हो जाएगी।

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