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कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

गुडग़ांव, केंद्र सरकार द्वारा 3 कृषि कानूनों की घोषणा की
गई है। इन तीनों कृषि कानूनों का किसान गत 6 माह से विरोध करते आ रहे हैं
और वे दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। सरकार किसान संगठनों से पिछले 5 माह
से कोई वार्ता भी नहीं कर रही है। बुधवार को धरना प्रदर्शन के 6 माह पूरे
हो जाने पर किसान संगठनों ने धरना स्थलों पर सरकार के खिलाफ विरोध दिवस
मनाया। गुडग़ांव में भी संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसान आंदोलन के
समर्थन में धरने का आयोजन चल रहा है। मोर्चा के जिलाध्यक्ष संतोख सिंह व
गजे सिंह कबलाना ने बताया कि बुधवार को धरना स्थल पर बुद्ध पूर्णिमा मनाई
गई। कार्यक्रम में शामिल सभी किसानों ने महात्मा बुद्ध के चित्र पर पुष्प
अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि किसान महात्मा बुद्ध
के संदेश व सिद्धांत पर चलते हुए ही पिछले 6 माह से अपनी मांगों के
समर्थन में शांतिपूर्वक आंदोलन चला रहे हैं। आज के विरोध दिवस में सभी जन
संगठन, ट्रेड यूनियन, ट्रांसपोर्टस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल
हुए। इन कार्यकर्ताओं ने अपनी बाहों पर काली पट्टियां बांधकर विरोध
प्रदर्शन किया। किसानों ने अपने मकानों, दुकानों व ट्रकों पर काले झण्डे
लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार दोहरा
मापदंड अपनाना बंद करे। इस मापदंड की देशवासियों को भारी कीमत चुकानी पड़
रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि किसानों से वार्ता कर
तीनों कानून रद्द किए जाएं और किसानों को एमएसपी की गारंटी का कानून
बनाने का आश्वासन दिया जाए, ताकि किसान अपनी मांगें पूरी होने पर अपने घर
जा सकें अन्यथा यह आंदोलन जारी रहेगा।  धरने पर बैठने वालों में श्रमिक
नेता अनिल पंवार, एसएल प्रजापति, ऊषा सरोहा, धर्मवीर परवाल, जयप्रकाश
रेहडू, डा. धर्मवीर राठी, डा. सारिका, राजेश गोस्वामी, योगेश्वर दहिया,
श्रवण सिंह, बजीर सिंह आदि भी शामिल रहे।

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