गुरुग्राम।जहां एक ओर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं चला रहा है, वहीं दूसरी ओर बिजली निगम द्वारा दोहरी नीति अपनाने के चलते कई उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली वितरण निगम ने कुछ वर्ष पूर्व बिजली चोरी को रोकने के लिए झुग्गी झौंपड़ी आदि स्थानों पर रहने वाले लोग जिनके पास प्रोपर्टी के कोई कागजात नहीं होते थे, उनको अपने नाम पर बिजली के कनेक्शन देने के आदेश दिए थे। कनेक्शन देते समय यह घोषणा की गई थी कि जिन लोगों को ये मीटर दिए जा रहे हैं, उनके आईडी किसी अन्य कार्य के लिए प्रयोग में नहीं ली जाएगी। पीडि़तों का कहना है कि सबसे अधिक रेवेन्यू देने के साथ साथ गुरुग्राम में जमीनों के भाव आसमान को छू रहे हैं। जिसके चलते लोगों के अपने घर ओल्ड गुरुग्राम क्षेत्र में बनाने के सपने चकनाचूर हो रहे हैं। पीडि़तों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति हिम्मत करके बिल्डर से अपना घर ले लेता है तो उसे कभी रजिस्ट्री न होने तो कभी बिजली का मीटर न होने के कारण अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मजे की बात यह है कि वह व्यक्ति अपने नाम पर कनेक्शन लेकर विभाग को अपनी सिक्योरिटी फीस भी जमा कराना चाहता है, बिजली का बिल भी देना चाहता है, इसके बावजूद भी विभाग द्वारा उसे कनेक्शन न देकर यह कह दिया जाता है कि नियम के अनुसार एक फ्लोर पर एक किचन होना चाहिए। पीडि़तों का कहना है कि बिजली निगम द्वारा ऐसे लाभार्थी को मीटर न देने के कारण उन्हें मजबूरन दाएं-बाएं कानूनी या गैरकानूनी रुप से अधिक पैसे देकर बिजली लेनी पड़ती है। यदि सरकार द्वारा इनकी समस्याओं को देखकर पॉलिसी बनाई जाए तो उन्हें भी इसका लाभ मिल सकता है। पीडि़तों ने बिजली निगम के प्रबंध निदेशक अशोक गर्ग से मांग की है कि गुरुग्राम जैसे महंगे शहर में रहने वाले व्यक्तियों को बिजली के मीटर की समस्या से छुटकारा दिलाया जाए, ताकि वे भी सरकार की पॉलिसी का लाभ उठा कर आम आदमी की तरह जीवन जी सकें।