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ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने के लिए निर्धन वर्ग के बच्चों को उपलब्ध कराए जाएं टेबलेट व मोबाइल

गुडग़ांव, लॉकडाउन अवधि में प्रदेश के शिक्षा विभाग ने
ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए हुए हैं। धनाढ्य व मध्यम
वर्ग के परिवारों की स्थिति अच्छी होने के कारण उनके बच्चे तो इंटरनेट के
माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन गरीब वर्ग के बच्चे इस
सेवा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। क्योंकि इन परिवारों की आर्थिक स्थिति
इतनी अच्छी नहीं है कि वे इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा
उपलब्ध करा सकें। मिशन एजूकेशन सोसायटी के संयोजक कैलाशचंद एडवोकेट ने
शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर कहा है कि कोरोना वायरस के चलते पूरे प्रदेश
में जहां शिक्षण संस्थाएं बंद हैं और लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में विभाग ने
ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए हुए हैं, लेकिन गरीब
परिवारों के बच्चे ये इस सुविधा का आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण लाभ
नहीं उठा पा रहे हैं। गरीब बच्चों के पास न तो कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट
या फिर एंड्रॉयड फोन की सुविधा नहीं है। इस वर्ग के पास तो इंटरनेट या
नेट के उपकरण के रिचार्ज कराने तक की भी हिम्मत नहीं है। उन्होंने सरकार
से आग्रह किया है कि ऐसे निर्धन परिवारों के बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के
लिए कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट या एंड्रॉयड मोबाइल की सुविधा उपलब्ध कराए
और उनमें इंटरनेट की सुविधा भी निशुल्क दे। क्योंकि बच्चों के पास अभी तक
किताबें ही नहीं हैं और न ही शिक्षा के लिए और कोई सामग्री। यदि इस वर्ग
के छात्रों को उक्त संसाधनों से वंचित रखा जाता है तो ये बच्चे शिक्षा
में पिछड़ जाएंगे जोकि प्रदेश व समाज के लिए बड़ा दुर्भाग्य होगा।

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