गुडग़ांव, कोरोना वायरस
के पीडि़तों के सैंपलों की जांच
के लिए एसआरएल डायग्रोस्टिक्स को अधिकृत किया हुआ था, लेकिन पिछले कुछ
दिनों से सैंपलों के परिणामों में अंतर आने का मामला प्रकाश में आया था।
संस्था ने अपना पक्ष रखते हुए का है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए
उन्होंने उन्हीं सैंपलों की दोबारा जांच करने का फैसला लिया था, जिनकी
जांच इससे पहले 18 अप्रैल को की गई थी। ये जांच उसी सैंपल से लिए गए
आरएनए एस्केट्रैक्ट से की गई थी, जिसे आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार
उनके पास संग्रहित रखा गया था। जांच के परिणाम फिर से पॉजिटिव आए हैं।
उनका कहना है कि गुडग़ांव में उनकी टेस्टिंग लैब आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित
है और एनएबीएल व सीएबी से मान्यता प्राप्त है। सैंपलों की जांच अनुभवी और
प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा की जाती है। कोरोना की जांच के लिए
आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित किट्स का ही इस्तेमाल किया जाता है। संस्था का
कहना है कि यह अधिक अच्छा होगा कि 2 विभिन्न लैब्स के जांच के परिणामों
की तुलना की जाए, यदि सैंपल एक ही समय पर लिए गए हों। उनका कहना है कि
परिणामों पर कई कारकों का प्रभाव पड़ता है। संस्था कोरोना के खिलाफ लड़ाई
में प्रदेश सरकार के साथ मिलकर निरंतर काम कर रही है।
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