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एआईयूटीयूसी ने प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को लेकर किया प्रदर्शन

गुडग़ांव, प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक सुरक्षित
पहुंचाने व पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री व 8 हजार रुपए मासिक
आर्थिक सहायता तथा जिन प्रवासी मजदूरों की मौंत हो चुकी है उनके परिजनों
को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग को लेकर ऑल इंडिया यूनाईटेड ट्रेड
यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी) की जिला शाखा द्वारा सरकार के खिलाफ सोमवार
को मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन किया गया। जिला सचिव कामरेड श्रवण कुमार का
कहना है कि इस प्रकार के प्रदर्शन अन्य जिलों में भी किए गए हैं। केंद्र
व प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा
रहा है। उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। मकान मालिक उनपर किराया देने
का दबाव बना रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जिले भेजने की जो
व्यवस्था की गई है, वह पर्याप्त नहीं है। इन व्यवस्थाओं में सुधार किए
जाने की जरुरत है। संगठन के निरंजन लाल का कहना है कि लॉकडाउन की त्रासदी
से उबारने के लिए इन प्रवासी श्रमिकों की नौकरियों को सुरक्षित किया जाए
और लॉकडाउन अवधि की पूरी मजदूरी का भुगतान भी कराया जाए। घरों में काम
करने वाली प्रवासी महिलाओं व असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिक जिन्होंने
अपनी नौकरियां खो दी हैं, उन्हें प्रतिमाह 8 हजार रुपए की वित्तीय राहत
भी दी जानी चाहिए। उन्हें सस्ता राशन, गैस व स्वास्थ्य सुरक्षा सहित सभी
बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध्र कराने की मांग की है। इस प्रदर्शन में
प्रवासी श्रमिक भी शामिल हुए, जिनमें कमलकांत, रमाकांत, एमएस विश्वकर्मा,
भोला, श्यामसुंदर, सुमित, कासिम खान आदि शामिल रहे।

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