गुडग़ांव, अखिल भारतीय महिला जनवादी महिला समिति द्वारा
खाद्य सुरक्षा, रोजगार, हिंसा व राजनैतिक दमन के खिलाफ सोमवार को मिनी
सचिवालय पर प्रदर्शन किया गया और प्रधानमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारी
को ज्ञापन भी सौंपा। समिति की प्रदेशाध्यक्ष ऊषा सरोहा ने प्रदर्शनकारी
महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते
लॉकडाउन में आमजन की तकलीफों को बढ़ाकर रख दिया है। प्रदेश सरकार द्वारा
गरीब लोगों के लिए जो घोषणा की थी, उनका जमीनी स्तर पर पालन नहीं हो पा
रहा है। बीपीएल कार्ड धारक जो लॉकडाउन के कारण दूसरी जगहों पर फंसे हैं
उनको भी ऑनलाइन राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। दिव्यांगों, एकल
महिलाओं व वृद्धजनों की स्थिति खराब होती जा रही है। किराए पर रहने वाले
गरीब मजदूरों पर मकान मालिकों द्वारा किराया देने का लगातार दबाव बनाया
जा रहा है। प्रवासी श्रमिकों का पलायन आज भी जारी है। सरकार ने इन
श्रमिकों को उनके गृह जिले भेजने की जो व्यवस्था की हुई है वह पर्याप्त
नहीं है। उन्होंने बताया कि ज्ञापन में मांग की गई है कि जरुरतमंद
परिवारों के खातों में प्रतिमाह 7500 रुपए डाले जाएं, आगामी 6 माह के लिए
इन परिवारों को प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज प्रतिमाह निशुल्क दिया जाए,
मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का वेतन भी बढाया जाए और उन्हें 200
दिनों के लिए काम दिया जाए, शहरी रोजगार गारंटी योजना को शुरु किया जाए,
3 माह तक बिजली का शुल्क माफ किया जाए। प्रदर्शन करने वालों में श्रमिक
संगठन सीटू के वरिष्ठ नेता एसएल प्रजापति, लायर्स यूनियन के सचिव विनोद
भारद्वाज, महिला समिति की जिला प्रधान भारती, विद्या, पूनम, रेशमी,
फूलवती, मधु, सुनीता आदि भी मौजूद रहे।

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