गुडग़ांव, आबकारी एवं कराधान विभाग की कार्यप्रणाली से
गुडग़ांव के कारोबारी बड़े आहत दिखाई दे रहे हैं। गुड्स एवं सर्विस टैक्स
(जीएसटी) व वैट को लेकर विभाग कारोबारियों पर मनमाने ढंग से डिमांड निकाल
कर कारोबारियों को परेशान कर रहा है। कारोबारियों का प्रतिनिधित्व करने
वाली टैक्स बार एसोसिएशन व कर सलाहकार विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत
भी कर चुके हैं, लेकिन समस्याओं का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है। कर
सलाहकार पंकज वर्मा ने बताया कि कारोबारियों की परेशानियों को देखते हुए
समाजसेवी धर्मवीर वर्मा ने विभाग से आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी
है कि विभाग ने वैट से संबंधित असेसमेंट वर्ष 2015-16, 16-17 व 17-18 के
केस में कारोबारियों को क्यों परेशान कर रहा है? विभाग ने उक्त वर्षों
में तिमाही रिटर्न में वैट इनपुट की गलत मिलान या मिसमैच को रोकने के लिए
क्या कदम उठाए हैं, इसकी जानकारी दी जाए। विभाग ने इस संबंध में कब-कब
नोटिस जारी किए हैं? कारोबारी द्वारा तिमाही रिटर्न में वैट इनपुट व
मिसमैच को ठीक करने की क्या समयसीमा है? साथ ही यह जानकारी मांगी गई है
कि मिसमैच को ठीक करने की ऑनलाईन या ऑफलाईन की क्या व्यवस्था है?
कारोबारी कौन-कौन से कागजात संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर वैट
इनपुट व मिसमैच को दूर करा सकता है। उन्होंने विभाग पर आरोप लगाते हुए
कहा कि विभाग के अधिकारी अपनी शक्ति का गलत प्रयोग कर कारोबारियों पर गैर
जरुरी टैक्स डिमांड निकाल रहे हैं, जिससे कारोबारियों में रोष व्याप्त
होता जा रहा है। उनका कहना है कि यदि विभाग ने आरटीआई का जबाव नहीं दिया
तो वह इस मामले की शिकायत प्रदेश के सूचना आयुक्त से भी करेंगे, ताकि
कारोबारियों की समस्याओं का समाधान हो सके।
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