गुरुग्राम, देवों के देव महादेव को समर्पित
महाशिवरात्रि का पर्व आज वीरवार को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों स्थित
मंदिरों, आश्रमों व शिवालयों में धूमधाम से मनाया जाएगा। साईबर सिटी
स्थित विभिन्न क्षेत्रों में महाशिवरात्रि पर्व मनाने की तैयारियां
जोरोंशोरों से चल रही हैं। आज प्रात: से ही श्रद्धालुओं का मंदिरों में
भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए तांता लगना शुरु हो जाएगा। शहर के
घंटेश्वर, भूतेश्वर, सिद्धेश्वर, गुफावाला, गीता भवन, सुदर्शन,प्रेम,
माता शीतला मंदिर, प्रकाशपुरी आश्रम, सैक्टर 4 स्थित श्रीकृष्ण व श्रीराम
मंदिर, कादीपुर का शिव मंदिर, सूर्य विहार के माता वैष्णो मंदिर, प्रताप
नगर के श्रीराम मंदिर, अर्जुन नगर के शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, मदनपुरी
के बाबा अमरनाथ मंदिर, पटेल नगर स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर, जिले के
गढ़ी हरसरु स्थित शिव मंदिर, इंच्छापुरी के शिव मंदिर सहित बादशाहपुर,
भौंडसी, सोहना, चकरपुर, बजीराबाद, दौलतबाद, बजीरपुर, नाथूपुर आदि ग्रामीण
क्षेत्रों के मंदिरों व शिवालयों में महाशिवरात्रि मनाने की सभी
तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पंडित डा. मनोज कुमार शर्मा का कहना है कि
शिवरात्रि पर भोले शंकर महादेव का रुद्राभिषेक करने से श्रद्धालुओं की
सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। शिवलिंग का रुद्राभिषेक अलग-अलग पदार्थों
से किया जाना चाहिए। श्रद्धालुओं को इसका विशेष लाभ प्राप्त होता है और
उनके उद्देश्यों की पूर्ति भी होती है। उनका कहना है कि शिवपुराण में
वर्णित है कि श्रद्धालु यदि वर्षा चाहते हैं तो जल से रुद्राभिषेक करें,
दुख-रोग से छुटकारा चाहते हैं तो कुशा-जल से अभिषेक करना चाहिए,
मकान-वाहन या पशु आदि की इच्छा है तो दही से अभिषेक करें। लक्ष्मी
प्राप्ति व कर्ज से छुटकारा पाने के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करना
चाहिए। धन में वृद्धि के लिए जल में शहद डालकर अभिषेक करें, मोक्ष
प्राप्ति के लिए तीर्थ से लाए जल से अभिषेक करना चाहिए, बीमारी से
छुटकारा पाने के लिए जल में इत्र मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। डा. मनोज का
कहना है कि पुत्र प्राप्ति, रोग शांति व मनोकामना पूर्ण करने के लिए
भगवान शिव का गाय के दूध से अभिषेक करना चाहिए। सदबुद्धि व ज्ञान वर्धन
के लिए दूध में चीनी मिलाकर अभिषेक करें। वंश वृद्धि के लिए भी घी से
अभिषेक करना चाहिए, शत्रु नाश के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करें। यदि
पापों से मुक्ति चाहते हैं तो शुद्ध शहद से महादेव का रुद्राभिषेक करना
चाहिए। उनका कहना है कि रुद्राभिषेक की इतनी मान्यता है कि शिव चंद्रमा
को अपने सिर पर धारण करते हैं और चंद्रमा ज्योतिष में मन का कारक है।
किसी भी प्रकार की मानसिक समस्या को दूर करने में रुद्राभिषेक सहायक होता
है।
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