गुडग़ांव, चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाली इंडियन
मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की गुडग़ांव शाखा ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन
देकर मांग की है कि शहर के छोटे अस्पतालों व नर्सिंग होम का प्रयोग कोविड
19 में किसी तरह की एमरजेंसी आने पर ही किया जाए, शुरुआत में शहर में
बड़े अस्पतालों का प्रयोग ही किया जाए। क्योंकि इन छोटे अस्पतालों व
नर्सिंग होम में मौसमी बीमारी के भी मरीज भी बड़ी संख्या में भर्ती हैं
जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। आईएमए के गुुडग़ांव शाखा के प्रधान डा.
महावीर प्रसाद जैन की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला और
उन्हें ज्ञापन दिया। आईएमए ने जिला प्रशासन को यह ज्ञापन इस दौरान दिया
है, जब जिला प्रशासन ने यह आदेश जारी किए हुए हैं कि कोई भी अस्पताल व
नर्सिंग होम कोविड-19 के मरीज को भर्ती करने से मना नहीं करेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को बताया कि छोटे अस्पतालों में 5, 10 या फिर
20 बेड तक की ही सुविधा होती है, जबकि नर्सिंग होम में तो 5 से 10 बेड ही
होते हैं और इन अस्पतालों में मौसमी बीमारी के मरीज भर्ती रहते हैं।
इसलिए शुरुआत में इन छोटे अस्पताल व नर्सिंग होम को कोरोना वायरस से
पीडि़त मरीजों को भर्ती करने से छूट दी जाए। ये प्रतिनिधिमंडल मंडलायुक्त
से भी मिला और उनसे भी आग्रह किया कि छोटे अस्पतालों की समस्या पर ध्यान
दिया जाए। प्रतिनिधिमंडल में आईएमए के डा. रमेश गोयल, डा. राजेश कटारिया,
डा. जय भगवान बंसल, डा. राजेश जैन व डा. वंदना नरुला आदि शामिल रहे।
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