गुरुग्राम, प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस
द्वारा बुधवार को विधानसभा में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव चर्चा का विषय
बना रहा। लोग पूरे दिन टीवी से ही चिपके रहे और पल-पल की जानकारी लेते
रहे। हालांकि विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
धराशाही हो गया। सरकार के समर्थन में जहां 55 विधायक रहे, वहीं अविश्वास
प्रस्ताव का मात्र 32 विधायकों ने समर्थन किया। बाजारों में ही नहीं,
अपितु कार्यालयों, रेस्टोरेंट, होटल्स, शोपिंग मॉल्स और यहां तक कि जिला
अदालत परिसर में भी अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म
रहा। अधिवक्ता भी अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा में लीन दिखाई दिए।
हालांकि सभी को पूर्व आभास था कि सदन में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
धराशाही हो जाएगा। क्योंकि भाजपा-जजपा समर्थित सरकार को किसी भी प्रकार
कोई नुकसान नहीं होने वाला। क्योंकि उनके पास विधायकों की पर्याप्त
संख्या है। कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि यह तो कांग्रेस को भी मालूम है
कि उनका अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिरेगा ही, लेकिन कांग्रेस किसान
आंदोलन के चलते विधायकों की स्थिति सार्वजनिक करना चाहते थे कि वे सरकार
के साथ हैं या किसान आंदोलन के साथ। सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव का बड़े
ही नपे-तुले अंदाज में जबाव भी दिया और विपक्षियों की बोलती भी बंद कर
दी। क्योंकि प्रदेश सरकार को सदन में पूर्ण बहुमत है। भाजपा व जजपा के
विधायकों के अलावा निर्दलीय विधायकों का भी पूरा समर्थन प्राप्त है। ,
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