गुडग़ांव, जिले के अभिभावक संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की
है कि सरकार जुलाई माह में कोरोना वायरस के माहौल में स्कूलों व कॉलेजों
को खोलने पर निर्णय कर रही है। यह छात्रों के हित में नहीं होगा। सरकार
को अपनी इस कार्यवाही पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि छात्र कोरोन वायरस
के संभावित प्रकोप से बच सकें। अभिभावक संघ के हिमांशु शर्मा का कहना है
कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आत्मनिर्भर भारत बनाने का
आह्वान किया है। उनका कहना है कि बच्चे देश का भविष्य हैं, जब वे ही नहीं
बचेंगे तो भारत कैसे आत्मनिर्भर बन पाएगा। जिले के सभी मॉल्स, सिनेमा,
जिम, पार्क, स्वीमिंग पूल आदि कोरोना महामारी के प्रकोप से लोगों को
बचाने के लिए बंद किए हुए हैं, लेकिन सरकार स्कूलों को खोलना जरुरी समझ
रही है। अभिभावकों का कहना है कि जब शादियों में सरकार के निर्देशानुसार
50 से अधिक लोग नहीं जा सकते और किसी व्यक्ति की अंतिम क्रिया में 20 से
अधिक लोगों के शामिल होने पर प्रतिबंध है तो क्या स्कूलों में छात्रों को
विषम परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा? अभिभावकों का कहना है कि
निजी स्कूल संचालक सरकार पर स्कूल खोलने का दबाव बना रहे हैं। इसी दबाव
में आकर सरकार स्कूल खोलने जा रही है। ऐसे में बच्चों का भविष्य दावं पर
लगाया जा रहा है। सरकार को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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