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अभिभावकों ने प्रदेश सरकार से की मांग बच्चों की ट्यूशन फीस में दी जाए 50 प्रतिशत की रियायत

गुडग़ांव, लॉकडाउन के दौरान विभिन्न निजी शिक्षण
संस्थाएं अभिभावकों को संदेश भेजकर सूचित कर रही हैं कि वे अपने बच्चों
की स्कूल फीस यथाशीघ्र जमा कर दें। हालांकि प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग
ने सभी निजी स्कूलों को आदेश जारी किए हैं कि वे केवल ट्यूशन फीस ही
अभिभावकों से ले सकते हैं। सरकार के उस आदेश से अभिभावक सहमत नहीं है।
गुडग़ांव पैरेंट्स एसोसिएशन के महासचिव हिमांशु शर्मा, प्रदीप रावत, सुधीर
गर्ग, सुनील शर्मा व रुचिका गर्ग का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान विभिन्न
कंपनी प्रबंधनें मध्यम वर्ग के लोगों का वेतन 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत
तक कम करने की तैयारी में हैं। दुकानदारों व व्यापारियों के कारोबार
लॉकडाउन में बंद पड़े हैं। कुछ प्रतिष्ठानों में तो लोगों की छंटनी किए
जाने की भी खबरें आ रही हैं। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों की पूरी ट्यूशन
फीस देने में असमर्थ हैं। उनका कहना है कि उन्होंने प्रदेश के
मुख्यमंत्री से मांग की है कि उक्त परिस्थितियों को देखते हुए ट्यूशन फीस
में 50 प्रतिशत की रियायत की जाए, ताकि वे अपने बच्चों की फीस जमा कर
सकें। उनका कहना है कि सरकार ने स्कूलों के वार्षिक शुल्क को लेकर भी
स्थिति स्पष्ट नहीं की है। सरकार ने स्कूल प्रबंधनों द्वारा बढ़ी फीस को
स्थगित करने के लिए कहा है, जबकि अभिभावकों की मांग है कि इस वर्ष
लॉकडाउन के कारण इस साल न बढ़ाया जाए। अभिभावक प्रदेश सरकार से इस बारे
में संपर्क बनाने में जुटे हैं।

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