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अब भगवान का प्रसाद भोजन के रुप में पहुंच रहा है भक्तों के घर लॉकडाउन के दौरान मंदिरों में पुजारी करते हैं नियमित रुप से पूजा-अर्चना श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के कपाट हैं बंद

गुडग़ांव, मंदिर व शिवालयों में जहां भक्तजनों की सदैव
भीड़ लगी रहती थी, वहीं अब कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सभी शिवालय व
मंदिर बंद पड़े हैं। मंदिरों में जहां भक्तजन भगवान को प्रसाद चढ़ाकर
अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते थे, अब लॉकडाउन में भगवान के
इन घरों से प्रतिदिन जरुरतमंदों को भोजन रुपी प्रसाद पहुंचाया जा रहा है।
हालांकि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों स्थित सभी छोटे-बड़े मंदिरों व
शिवालयों में कार्यरत पुजारी नियमित रुप से प्रात: व सायें भगवान की आरती
कर कोरोना के प्रकोप से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना भी कर रहे हैं।
प्रात: व सायं पूजन आरती के बाद पुजारी भी मंदिरों के कपाट बंद कर देते
हैं और उसके बाद मंदिरों के परिसर में ही जरुरतमंदों के लिए भोजन बनाने
की व्यवस्था की जाती है और सामाजिक दूरी का पालन कराते हुए जरुरतमंदों को
उपलब्ध करा दिया जाता है। यह सिलसिला गत एक माह से जारी है। इसी क्रम में
बसई रोड स्थित पर्णकुटि आश्रम के अधिष्ठाता व उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर
के महंत विनीत गिरि महाराज द्वारा भी नियमित रुप से जरुरतमंदों को खाद्य
सामग्री भेजे जाने का सिलसिला जारी है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस एक
बड़ी महामारी है, जिसने पूरे विश्व को ही जकड़ कर रख दिया है। घरों में
रहकर ही लॉकडाउन का पालन करते हुए इस महामारी के प्रकोप से बचा जा सकता
है। उन्होंने जिला प्रशासन व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों की
सराहना करते हुए अन्य संस्थाओं से भी आग्रह किया कि वे और अधिक ऊर्जा से
जरुरतमंदों की सेवा करें। कोई भी अपने घरों में भूखा न रहे। नर सेवा ही
नारायण सेवा है।

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