गुडग़ांव, कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप फिर से
गुडग़ांव जिले में बढऩा शुरु हो गया है। मंगलवार को जिले में जहां 114
कोरोना संक्रमित मिले, वहीं 83 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। कोरोना के बढ़ते
प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बड़ा ही चिंतित है।
जिले में अब कंटेनमेंट की संख्या भी बढ़ा दी गई है। एक पखवाड़ा पूर्व
जहां कंटेनमेंट जोन की संख्या मात्र 7 थी, वहीं अब यह संख्या जिले में
बढक़र 21 हो गई है। यानि कि 18 गुडग़ांव व साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों तथा
पटौदी के भौड़ाकलां, सोहना व फर्रुखनगर में एक-एक कंटेनमेंट जोन बनाया
गया है, ताकि कोरोना संक्रमितों का उपचार सही ढंग से किया जा सके और इन
क्षेत्रों में बेवजह आवागमन को रोका जा सके, ताकि अन्य लोग कोरोना की
चपेट में न आएं। कोरोना के प्रकोप का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि
प्रदेश के मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष तथा प्रदेश के 4 विधायक भी
कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग कोरोना से
निपटने के लिए हर तरह से तैयार हुआ बताया जाता है। प्रदेश के अन्य जिलों
में भी कोरोना पीडि़तों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती दिखाई दे
रही है, लेकिन साथ ही कोरोना से ठीक होने वालों की दर में भी सुधार हो
रहा है। कुछ ऐसे भी लापरवाह लोग हैं जो संक्रमित होने के बावजूद भी इसकी
जानकारी प्रशासन को नहीं दे रहे हैं। भले ही उनकी लापरवाही से अन्य लोग
कोरोना संक्रमित क्यों न हो जाएं। जिला प्रशासन ने महिला सहित 5 लोगों के
खिलाफ इस लापरवाही का मामला भी भादंस की धारा 188 व 270 के तहत दर्ज कर
कार्यवाही शुरु कर दी है। जिले में नए संक्रमित मरीजों की संख्या के बढ़
जाने से कोरोना मरीजों की कुल संख्या भी 11 हजार के पार पहुंच गई है।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग डेढ़ लाख से अधिक लोगों के सैंपल ले चुका है।
गुडग़ांव जिले में अब कोरोना से 131 मौंतें हो चुकी हैं। सप्ताहांत में 2 दिन
का लॉकडाउन करने से शायद बढ़ते हुए कोरोना को रोका जा सके। हालांकि इस 2
दिवसीय लॉकडाउन का व्यापारी वर्ग खुलकर विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि
जब लॉकडाउन में शराब की दुकानें खुल सकती हैं तो उनके कारोबार पर क्यों
प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
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